किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन

  • पटेल और इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि

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जलगांव. 3 विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को अपना समर्थन देते हुए कांग्रेस पार्टी ने 31 अक्टूबर को ‘किसान अधिकार दिवस’ और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन किया. इस अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि  पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की गई. कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में जिला मुख्यालय पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सत्याग्रह आंदोलन किया.

सत्याग्रह आंदोलन के दौरान पार्टी के नेता स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के किसानों के अधिकारों, खास कर बारदोली किसान आंदोलन के संदर्भ में, उनके योगदान पर प्रकाश डाला. केंद्र की भाजपा सरकार ने संसद में किसान विरोधी कानून पारित कराने की पूरी कोशिश की.

भाजपा सरकार ने की लोकतंत्र की हत्या

 भाजपा सरकार ने संसद में हिटलर तरीके से किसान विधेयक को मंजूरी देकर लोकतंत्र की हत्या की है. इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग को लेकर सत्याग्रह आंदोलन महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से किया गया. पूर्व सांसद  डॉ उल्हास पाटिल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के ‘किसान विरोधी’ कृषि कानूनों के खिलाफ यह ‘सत्याग्रह’ आंदोलन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस ‘सत्याग्रह’ के दौरान किसान आंदोलनों में सरदार पटेल के योगदान तथा इंदिरा गांधी द्वारा शुरू की गई ‘हरित क्रांति’ के बारे में जनता को अवगत कराया गया है.

कांग्रेस पदाधिकारी हुए शामिल

इस मौके पर प्रदेश सचिव डी जी पाटिल, जिलाध्यक्ष अॅड संदीप पाटिल, एन एस यू आय जिलाध्यक्ष देवेंद्र मराठे, शहर उपाध्यक्ष श्याम तायडे, अर्जुन भंगाले, अजाबराव पाटिल, सुरेश पाटिल, दिपक सोनवणे, विजय वाणी, जाकिर बागवान, बाबा देशमुख, योगेश देशमुख, राजेश कोतवाल, विष्णु घोडेस्वार, सकिना तडवी, ज्ञानेश्वर कोली, सागर सपके, पी जी पाटिल आदि पदाधिकारी मौजूद थे.