ज्यादा एडमिशन स्वीकार नहीं, शिक्षा विभाग की कालेजों को चेतावनी

  • विद्यार्थियों का वर्ष खराब होने पर कालेज जिम्मेदार
  • कई विद्यालयों ने नहीं सौंपी सूची

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साक्री. जूनियर कालेजों में मान्य संख्या से ज्यादा छात्रों को एडमिशन दिए जाने की शिकायतों पर शिक्षा विभाग इस वर्ष (2020-21) ज्यादा सतर्क है. जिसको लेकर विभाग सख्त हो गया है, कालेजों से उक्त विषय पर प्रवेश संख्या स्थिति की रिपोर्ट मांगी थी. कुछ कालेजों को छोड़ सभी ने रिपोर्ट जमा कराई. लेकिन मान्य छात्र संख्या से ज्यादा एडमिशन के मामले सामने आए हैं और जिन्होंने अपनी रिपोर्ट नहीं दी वे भी संदिग्ध सूची में हैं, जिन्होंने ज्यादा एडमिशन कराए हैं. शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को चेतावनी जारी की है कि अगर मान्य संख्या से ज्यादा एडमिशन होंगे तो अतिरिक्त छात्र मान्य नहीं किए जाएंगे तथा उनके शैक्षिक वर्ष के नुकसान की जिम्मेदारी भी कालेज की ही होगी.

शिक्षा विभाग जारी करता है दिशा-निर्देश

नये 2020-21 शैक्षिक वर्ष की शुरुवात अपने समय से हो गयी है. विद्यार्थियों द्वारा 11वीं कक्षा में प्रवेश (एडमिशन) हेतु हर वर्ष शिक्षा विभाग सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश जारी करता है. उक्त दिशा निर्देशों में उपलब्ध प्रवेश संख्या, जाति-आधारित आरक्षण और प्रतीक्षा सूचियों की कार्यप्रणाली की जानकारी दी होती है. एडमिशन की प्रक्रिया उक्त दिशा निर्देशों के तहत ही करना अनिवार्य है. लेकिन छात्र के आरक्षण और प्रतीक्षा सूची में ज्यादा एडमिशन की समस्या आम बात हो गई है.कालेजों के मैनेजमेंट, सगे-संबंधी, राजनीतिक सिफारिश, प्रतिष्ठित लोग, स्थानीय अधिकारी आदि कई पहलुओं से गुजरते हुए उक्त मान्य छात्र संख्या मर्यादा पीछे छूट जाती है.

अतिरिक्त शुल्क लेने का आरोप

कुछ एडमिशनों में अतिरिक्त शुल्क लिये जाने के आरोप भी लगते हैं. अर्थपूर्ण व्यवहार किए जाते हैं. शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे गैरकानूनी कार्य को रोकने के लिए औचक निरीक्षण के कदम उठाए जाते हैं. अब की बार इसीलिए  विभाग द्वारा निरीक्षण टीमों का गठन किया गया है. उक्त टीमें कालेजों में जाकर निरीक्षण करेंगी और जरूरी होगा, वहां जवाब-तलब भी करेगी. शिक्षा संस्थाओं में हड़कंप

शिक्षा विभाग इस पैंतरे से शिक्षा संस्थानों में हड़कंप मचा है. विभाग का कहना है कि स्थानीय या नजदीकी कालेजों में किसी एक कालेज द्वारा ज्यादा एडमिशन देने की वजह से दूसरे कालेजों में कम एडमिशनों के चलते शिक्षकों के पद ज्यादा (सरप्लस) होने का डर रहता है. उक्त ज्यादा शिक्षकों को कहीं और स्थानांतरित करना विभाग से साथ शिक्षकों के लिए भी कठिन काम है.जिस में कई तकनीकी पहलू है.

15 कालेज मान्य से अधिक दिए प्रवेश

शिक्षा विभाग को जिले में कुछ 10 से 15 कालेज ऐसे मिले हैं, जिन्होंने मान्य संख्या से ज्यादा एडमिशन कराए हैं. लगभग सभी कॉलेजों में साइंस फैकल्टी में किए एडमिशन में मान्य संख्या के निर्देश की उपेक्षा की गई है. इस वर्ष दसवीं की परीक्षा में अपेक्षा से ज्यादा बच्चें पास हुए तथा ज्यादा प्रतिशत मार्क्स भी आए है, जिसके चलते एडमिशन की बाढ़ आना स्वाभाविक था. विशेषकर साइंस विभाग में ज्यादा एडमिशन दिए गए, जिस ओर बच्चों और उनके अभिभावकों का रुझान रहा.