दो महीने बाद भी शुरू नहीं हुआ ऑक्सीजन पाइपलाइन का काम

  • कोरोना के दौर में स्वास्थ्य सुविधा से जुड़े कामों में भी लापरवाही

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जलगांव. जिले में सितंबर के दौरान कोरोना महामारी (Corona epidemic) चरम पर थी। इसके चलते जिला अस्पताल के कोविड -19 सेंटर (covid-19 Center) में मरीजों से कोई बिस्तर खाली नहीं बचा था। कोरोना के साथ रोगियों के उपचार में आवश्यक घटक ऑक्सीजन ओ टू  (Oxygen o 2) की कमी भी सामने आयी।

इसके साथ ही कोरोना की सम्भावित लहर को देखते हुए समाधान के रूप में एक तरल ऑक्सीजन टैंक के साथ एक नई पाइप लाइन बिछाने के लिए निविदा जारी की गई थी, जिसमें टंकी तो खड़ी हो गई, पर 2 महीनों बाद भी ऑक्सीजन पाइप लाइन (Oxygen pipeline) का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ।  महाविद्यालय प्रशासन ने संबंधित ठेकेदार को पांच बार पत्र द्वारा सूचित किया, फिर भी अस्पताल को कोई प्रतिसाद नहीं मिला। अंत में कॉलेज प्रशासन ने जिलाधिकारी को अनुरोध कर संबंधित ठेकेदार को समझाने की विनती की है।

15 लाख का टेंडर

ओ टू टैंक के साथ महाविद्यालय में बनाये जानेवाले मैनिफॉल्ड  लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए लगभग 600 मीटर लम्बी तांबे की 42 एम एम चौड़ी पाइप लाइन डालने का टेंडर शिवम ऑक्सीजन ठेकेदार को मंजूर किया था। यह टेंडर लगभग 15 लाख का है। अक्टूबर महीने में काम मंजूर हुआ ता, अब दिसंबर में भी काम शुरू नहीं हुआ। सिलिंडर सप्लाई का काम नहीं रुकना चाहिए, इसके लिए इस काम को देरी लगने की वजह सामने लायी जा रही है।

चेतावनी का ठेकेदार पर कोई असर नहीं

जिले में कोरोना के मरीज बढ़ने से रोगियों के लिए अत्यावश्यक आक्सीजन को लेकर अस्पताल महाविद्यालय प्रशासन ने पांच बार पत्र द्वारा सूचित किया।काम अगर शुरू नहीं किया तो दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली। इसके साथ ही इस ठेकेदार को काली सूची में डालने की सिफारिश भी की। इसके बावजूद ठेकेदार ने बात को गंभीरता से नहीं लिया। एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर की संभावना जताई जा रही है तो दूसरी ओर ठेकेदार ऑक्सीजन पाइप लाइन का काम शुरू नहीं कर रहा है।कोरोना की लहर अगर आती है तो स्वास्थ्य विभाग समेत जिला प्रशासन में बड़ी भगदड़ मचने की संभावना है। इसे देखते हुए ही अस्पताल प्रशासन ने जिलाधिकारी से इस ओर ध्यान देकर ठेकेदार को समझाने की विनती की है।