आधार कार्ड में गलतियों से बढ़ी परेशानी

  • खर्च हो रहा समय और पैसा भी

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साक्री. व्यक्ति के अस्तित्व का गवाह आधार कार्ड बन गया है, जिसके बिना कोई भी व्यवहार का पन्ना नहीं हिल सकता. लेकिन आधार कार्ड में धारक के नाम या पते की वर्तनी या जन्म दिनांक के आंकड़ों में हुई गलती आपके कोई भी जरूरी कामकाज को फेल कर सकती है. आज कल विशेष कर बच्चों की सूचना में ऐसी गलतियां पाई जा रही हैं. जिसको लेकर अभिभावक आधार कार्ड में जरूरी बदलाव के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. जिसमें समय के साथ पैसों की बर्बादी हो रही है. क्योंकि सही सूचना का प्रमाणीकरण हेतु स्कूल छोड़ने का दाखिला, पंचायत या वार्ड के सदस्य द्वारा सत्यापित दाखिला, पटवारी के दस्तावेज या तहसील में दर्ज सूचना का दाखिला ऐसे कई दस्तावेज इकट्ठा करने पड़ते हैं. उक्त कागजों के लिए समय तो नष्ट होता ही है और हर जगह पैसा खर्च होता ही है.

हर प्रमाण के लिए आधार की जरूरत

आधार कार्ड अब व्यक्ति के अस्तित्व की पहचान बन गया है. जिंदगी के हर मोड़, हर पायदान पर व्यक्ति की प्रमाणिकता तथा पहचान हेतु व्यक्ति द्वारा मुहैया कराए जाने की जानकारी का मिलान आधार कार्ड से ही किया जाता है. चाहे स्कूल के रिकार्डों में पंजीयत सूचना हो या बैंकों के लेन-देन हो, आधार कार्ड जरूरी है. पूर्व में राशनकार्ड से व्यक्ति पहचाना जाता था अब उसकी जगह आधार कार्ड ने ली है.

मामूली सी चूक से हलाकान अभिभावक

आधार कार्ड में  सिर्फ कार्ड धारक की फोटो ही नहीं बल्कि बायोमेट्रिक जानकारी जैसे की उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियों (आईरिस इमेज) की पहचान भी होती है. आधार कार्ड में क्यूआर कोड भी होता है जिसे स्कैन करके हम कार्ड में मौजूद जानकारी सही है या नहीं ये देख सकते हैं. व्यक्ति की पहचान के लिए इतने सारे प्रमाणीकरण के पैमाने मौजूद हैं, इस लिए आधार कार्ड को पहचान हेतु प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है. इसमें हुई मामूली सी अंग्रेजी की स्पेलिंग हो या देवनागरी या कोई अन्य भाषा के वर्तनी में हुई चूक व्यक्ति का काम ठप कर देती है. इसलिए अब ये जरूरी हो गया है, की कही और दी गई जानकारी आधारकार्ड की सूचना से सही-सही मेल खाती हो.

ठेके पर काम करने वाले लोग बनाते हैं कार्ड

बताया जा रहा है कि आधारकार्ड की सूचना पंजीयन करनेवाले उम्मीदवार चलताऊ, अर्धशिक्षित होते हैं. ठेकेदार एजेंसी के लिए काम करनेवाले ये उम्मीदवार की सही ढंग से सूचना को दर्ज नहीं करते. वर्तनी और जन्म दिनांक में तो गड़बड़ी कर ही देते हैं, जो व्यक्ति या संबंधित छात्र की अन्य दस्तावेजों में दर्ज सूचना से अलग हो जाती है.

भूल सुधार के लिए निजी कंप्यूटर केंद्र

 भूल सुधार करनेवाले निजी कम्प्यूटर केंद्र हैं, और गलतियां वे भी करते हैं. कभी जाने, कभी अनजाने क्योंकि एक नए सुधार के लिए नया शुल्क देना पड़ता है. छात्रों के आधारकार्ड की भूल सुधार करने हेतु आज कल स्कूलों में बोनाफाइड दाखिला लेने अभिभावक पहुंच रहे हैं. जिसमें सही सूचना का प्रमाणीकरण किया जाता है.

जांच-पड़ताल के बाद जारी हो कार्ड

नागरिक चाहते हैं कि भूल सुधार के लिए बार-बार नये दस्तावेज मुहैया कराने की बजाय सूचना दर्ज करने के पहले एक कच्चा पंजीयन हो. जिसकी कापी धारक या अभिभावक  तथा सक्षम अधिकारी द्वारा जांचने के बाद ही आधारकार्ड में दर्ज सूचना को अंत में पक्के तौर पर दर्ज करें. इस पक्के पंजीयन के बाद ही  धारक को कार्ड रवाना किया जाए.