केंद्र की नीतियों के विरोध में आंदोलन

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  • आयुध निगमीकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग

जलगांव. कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने शासकीय संस्थान आयुध निर्माणी और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के निगमीकरण या निजीकरण करने का फैसला लिया है, जिस पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर कर्मियों ने आयुध बचाव दिवस’ मनाया. सरकार की नीतियों के विरोध में आंदोलन किया.

भुसावल में ऑर्डनेंस फैक्ट्री के निजीकरण करने सरकार के फैसले के विरोध में ऑर्डनेंस फैक्ट्री के श्रमिकों ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन में हिस्सा लिया. श्रम संगठन ‘आयुध बचाव’ आंदोलन के तहत  महाप्रबंधक को ज्ञापन देकर प्रमुख और अन्य मांगें रखीं.

मजदूरों के बीच भड़क रहा है आक्रोश 

संघ ने बताया कि वर्तमान सरकार मजदूरों और कर्मचारियों के प्रति संवेदनहीनता के साथ फैसले ले रही है. इससे सरकारी संस्थानों के निजीकरण के नाम पर आयुध निर्माणी कारखानों का ठेका अन्य को दिया जा रहा है, जिसके कारण श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, लघु उद्योगों के मजदूरों के बीच आक्रोश भड़क रहा है.

कर्मियों ने मनाया ‘आयुध बचाव दिवस’ 

संयुक्त संघ के नेतृत्व में भोजन काल के दौरान आंदोलन किया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आयुध निर्माणी के निगमीकरण या निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, रक्षा उत्पादन क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश (एफडीआई) को निरस्त करने, सैन्य मुख्यालयों के डिपो व वर्कशॉप पर गोको मॉडल लागू नहीं करने, शासकीय संस्थानों के रिक्त पद ठेका श्रमिकों के बजाए स्थाई नियुक्ति से भरने, पलायन करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय करने, असंगठित मजदूरों का लंबित भुगतान शीघ्र कराने, मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने आदि की मांग रखी. प्रकाश कदम, दिनेश राजगिरे स्थानीय संयुक्त संघर्ष समिति के किशोर पाटील, नवल भिडे, एम.एस.राऊत, किशोर चौधरी, अनिल सोनवणे, के.बी. राजपूत आदि ने केंद्र की नीतियों का विरोध किया.