मराठा आरक्षण पर लगी रोक हटाएं, मराठा समाज ने की मांग

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जलगांव. सकल मराठा क्रांति मोर्चा व बुलंद छावा मराठा युवा संगठन ने मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाईं गई रोक तुरंत हटाने की मांग की है. इस संबंध में स्थानीय उप जिलाधिकारी राहुल पाटिल को अपनी मांग का ज्ञापन सौंपा. उप जिलाधिकारी को सौपें ज्ञापन में बताया गया है कि 2019 में सरकार ने विधानमंडल में प्रस्ताव पारित कर मराठा समाज को शिक्षा और नौकरी में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था. इस निर्णय पर अमल होने से पहले ही कुछ लोगों ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से आरक्षण के संबंध में लिए निर्णय को वैध ठहराया. इस निर्णय के विरोध में कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर स्थगन लगा दी.

सुको के निर्णय से समाज पर अन्याय

संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय मराठा समाज पर अन्याय करने वाला है. मराठा समाज ने लाखों की संख्या में 58 मोर्चे निकाले. इस दौरान 42 लोगों की जानें गयीं. मराठा समाज को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की जरूरत है, समाज की आर्थिक उन्नति के लिए आरक्षण आवश्यक है.

मराठा छात्रों को दें एसईबीसी सहूलियत  

राज्य और केंद्र सरकार ईडब्लूसी सहूलियत देकर मराठा समाज की मांग की ओर अनदेखी कर रही है. आरक्षण पर अभी बंदी होने से मराठा समाज के छात्रों को एसईबीसी सहूलियत देकर शैक्षणिक नुकसान रोकने की मांग भी ज्ञापन द्वारा की गयी. ज्ञापन पर प्रमोद पाटिल, प्रतिभा शिंदे, राम पवार, विजय पाटिल,डीडी बच्छाव, सुनील गरुड़, नंदू पाटिल, कुंदन पाटिल, सचिन धांडे व संजय सणस के हस्ताक्षर हैं.