सड़क किनारे खड़े वाहनों से लग रहा जाम

  • ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से दुर्घटना की आशंका

Loading

धुलिया. शहर में यातायात जाम होना कोई नई बात नहीं है. हर दिन यह नजारा देखने को मिल रहा है. बाजारों में भीड़-भाड़ के समय वाहनों का टकराना आम बात हो गई है. इन दिनों शादी का सीजन चल रहा है, ऐसे में भीड़ होने लगी है. बुधवार को पुलिस मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक कार्यालय मार्ग पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही. शहर में ट्रैफिक पुलिस बस नाम की है.

मनपा भी नहीं कर रही कोई कार्रवाई

यातायात विभाग ने अनदेखी कर रखी है, जिसके चलते नागरिक सरेआम यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. वहीं दुकानदारों ने सड़कों पर दुकानें सजा रखी हैं, जिसके प्रति किसी भी प्रकार की न तो महानगर पालिका प्रशासन कार्रवाई कर रहा और न ही ट्रैफिक कंट्रोल विभाग ही. इसके कारण नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बाराह पत्थर लोकमान्य अस्पताल से लेकर तिरंगा चौक, भोला बाजार, बैंक स्ट्रीट आदि गलियों में दो पहिया वाहन चालकों के यहां-वहां वाहन खड़े कर चले जाने से जाम की स्थिति बनी रहती है. ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही के कारण धुलिया की सड़कों पर जाम की बात कोई नई नहीं है. पुलिस अधीक्षक चिन्मय पंडित को यातायात व्यवस्था का तगड़ा अनुभव है, लेकिन उन्होंने भी इस दिशा में कोई खास ध्यान नहीं दिया है. शहर की यातायात बुरी तरह से बाधित हो रही है.

अब्दुल रहमान पैटर्न दोबारा हो लागू 

तत्कालीन धुलिया जिला पुलिस अधीक्षक अब्दुल रहमान ने शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे. प्रतिदिन बेतरतीब खड़े वाहनों का चालान काटना, उन्हें जब्त करना, पार्किंग स्थल के बाहर गाड़ी खड़ी करने, रॉन्ग साइड वाहन चलाने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू कर बिगड़े यातायात को सुधारा था. उनके तबादले के बाद वही ढाक के तीन पात वाली स्थिति बन गई है. शहर में विभिन्न स्थानों पर अस्त-व्यस्त ट्रैफिक नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. शहर में दोबारा से यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए अब्दुल रहमान पैटर्न का उपयोग करने की मांग की जा रही है.

-देवनारायण पाटिल, सामाजिक कार्यकर्ता