जलगांव/नंदुरबार. शहादा तहसील के सारंगखेड़ा से न्यू असलोद सड़क ग्राम सड़क योजना के तहत बनवाई गयी थी. सड़क निर्माण को दो साल भी पूरे नहीं हुए कि सड़क से डामर निकलकर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं. सड़क का काम खराब दर्जे का कर संबंधित ठेकेदार ने सरकार और लोगों की आंखों में धूल झोंकी है. ग्राम विकास विभाग के मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सारंगखेडा-कहाटुल, लोढरे, उजलोद-न्यू असलोद 10.800 किमी फासले की सड़क 2019-20 में बनवाई गयी थी. ग्रामीणों ने संबंधित ठेकेदार और सरकारी यंत्रणा के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया है.
5 साल रख-रखाव- मरम्मत का क्या
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के काम पर लगाए बोर्ड के अनुसार सड़क के रख-रखाव और मरम्मत का काम संबंधित ठेकेदार द्वारा 5 साल के लिए किया जाएगा. सड़क निर्माण के लिए कितना खर्चा आया है तथा 5 साल तक क्या-क्या मरम्मत आदि कार्य किये जाएंगे. इसको लेकर संबंधित ठेकेदार ने बोर्ड लगाया है, पर यह बोर्ड सिर्फ नाम के लिए ही नजर आ रहा है. रोड खस्ताहाल है, जगह-जगह गड्ढे हैं, वहां बोर्ड और बोर्ड पर लिखा हुआ सब कुछ है, पर ठेकेदार लापता है. निर्माण विभाग और ठेकेदार द्वारा बोर्ड के अनुसार काम करने की मांग भी ग्रामीण कर रहे हैं.
लोंढरा सड़क ही गायब
अब यह केवल खस्ताहाल सड़क की ही बात नहीं है. पता चला है कि लोंढरे और न्यू असलोद के बीच कोई सड़क नहीं है. इस सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया है. इसके बावजूद यहां दर्शाया गया है कि सड़क पूरी हो गई है. यह सड़क कब और कैसी तथा कहां बनी, यह तो यहां के लोगों के लिए रहस्य बन गया है.
योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को इस सड़क के बारे में पता है? उन्होंने काम का इस्टीमेट देखकर काम पूरा करवाया? काम का निरीक्षण कर ठेकेदार का बिल मंजूर करवाया? ऐसे कई सवाल भी सामने आ रहे हैं. अब बता दें कि इसी ठेकेदार ने इस सड़क की तरह तहसील में और भी कई जगहों पर सड़कों का काम ऐसे ही रहस्यमय तरीके से किया है. इसके बावजूद संबंधित यंत्रणा ने बात को गंभीरता से न लेते हुए ठेकेदार का ही भला किया है. अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया, यह लोगों की समझ से परे है.