पलायन रोकने प्रशासन ने कसी कमर

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  • देश का पहला उपक्रम ‘जिला मजिस्ट्रेट फेलोशिप’ शुरू
  • 50 युवाओं का जिला मजिस्ट्रेट फेलोशिप के लिए चयन
  • 1.27 करोड़ रुपये उपक्रम के लिए मंजूर  

नंदुरबार. जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र भारुड ने आदिवासी बहुल इलाकों से रोजगार के लिए पलायन करने वालों के लिए अहम कदम उठाया है. उन्होंने डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट फेलोशिप कार्यक्रम का शुरू किया है. उन्होंने समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि आदिवासियों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा शुरू की गईं विभिन्न योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचना चाहिए. डीएम फेलोशिप को अपने अभिनव विचारों के माध्यम से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को कम करने के उद्देश्य से काम करना चाहिए, आदिवासी क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए ख़ास प्रयास किए जाएंगे.

आदिवासियों को जागरूक करने करें व्यापक प्रचार

 प्रायः ग्रामीणांचलों में पलायन बहुतायत में है. इसकी रोकथाम के लिए इन क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें. इस तरह की अपील ज़िलाधिकारी डॉ.राजेंद्र भारुड ने की है. वे देश के पहले ‘डीएम फैलोशिप’ पहल के उद्घाटन पर बोल रहे थे, जिसे नीति आयोग और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से जिले में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया है.

इस कार्यक्रम में अतिरिक्त कलेक्टर महेश पाटिल, आकांक्षी जिला कार्यक्रम कार्यक्रम के निदेशक सौमित्र मंडल, नीति आयोग के डीएम फैलोशिप कोर ग्रुप के सदस्य मनमोहन सिंह, सहायक कलेक्टर वसुमना पंत, डिप्टी कलेक्टर बबन काकडे और अन्य लोग उपस्थित थे.

हर गांव के खेत में तालाब और नर्सरी जरूरी

जिला अधिकारी डॉक्टर राजेंद्र भारुड ने डीएम फेलोशिप कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए हर गांव के खेत में तालाब और नर्सरी स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि वनीकरण की अवधारणा पर जोर दिया जाए. अपशिष्ट प्रबंधन और शौचालयों के उपयोग के बारे में नागरिकों में जागरूकता पैदा करने पर ज़ोर दिया जाए. विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया जाए, नागरिकों की बैंक समस्या का निराकरण कराएं और वयस्क शिक्षा, पोषण मार्गदर्शन जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करने को प्राथमिकता देने के निर्देश उन्होंने दिया है. चयनित युवाओं को अगले 11 महीनों में जीवन का एक अलग अनुभव होगा. 

इसके लिए अच्छी मानसिक तैयारी की आवश्यकता है.  अब तक प्राप्त ज्ञान में क्षेत्र अध्ययन को जोड़कर नए विचारों का निर्माण किया जा सकता है. जिलाधिकारी भारुड ने  उम्मीद जताई कि इससे आम आदमी के जीवन में फर्क पड़ेगा और यह युवाओं के काम की प्रेरणा मिलेगी. इस मौके पर श्री पंत ने संबोधित करते हुए युवाओं को मार्गदर्शन किया और कहा कि 11 महीने के कार्यक्रम को अगली पीढ़ी के लिए जीवन बदलने वाले कार्य के रूप में देखा जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों को प्रशासन और लोगों के सहयोग से बदल दिया जाएगा.

इस ग्यारह महीने के कार्यक्रम के माध्यम से, युवाओं को एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिला है,  यह जिले के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और यह प्रशासन के लिए उपयोगी होगा.  कार्यक्रम के माध्यम से अध्येता, लोगों के जीवन से सीधे जुड़े होंगे. इसलिए, उनके जीवन में बदलाव लाने का यह एक अच्छा अवसर है और युवाओं को अपने व्यक्तित्व को आकार देने के लिए इसका लाभ उठाना चाहिए.

सौमित्र मंडल, अधिकारी

जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए युवाओं को नए विचारों के साथ आना चाहिए.  लोगों के साथ संवाद करें, वहां की स्थिति का आकलन करें और नागरिकों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने का प्रयास करें. अगर हम बदलाव की महत्वाकांक्षा को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं, तो यह प्रायोगिक उपक्रम देश को एक अच्छा संदेश देगा.  यह देश की झलक पाने और अगले जीवन के लिए अनुभव प्राप्त करने का एक शानदार अवसर है.

-महेश पाटिल, अतिरिक्त कलेक्टर 

स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण आदि के क्षेत्र में सुधार लाना है कार्यक्रम का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण आदि के क्षेत्र में सुधार लाना है.  इसी समय, यह स्वयं को विकसित करने का एक अवसर है.  इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सार्वजनिक सेवा प्रेरणा इस कार्यक्रम का मूल है, युवाओं को अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए. कार्यक्रम अधिकारी पीरामल फाउंडेशन द्वारा परिचयात्मक टिप्पणी की गई.  इवेंट के लोगो और वेबसाइट का अनावरण किया गया.  जिला मजिस्ट्रेट फैलोशिप के लिए 4230 उम्मीदवारों में से 50 युवाओं का चयन किया गया है.  इनमें से 10 नंदुरबार जिले के, 20 अन्य राज्यों के और 20 विदेशी राज्यों के हैं. नीति आयोग ने इस कार्यक्रम के लिए 1 करोड़ 27 लाख रुपये मंजूर किए हैं. उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा फडोल, जिला कृषि अधीक्षक अनंत पोटे, अग्रणी बैंक प्रबंधक जयंत देशपांडे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नितिन बोडके ने युवाओं का मार्गदर्शन किया.