आशा स्वयंसेवकों का आंदोलन शुरू

  • 1200 वर्दी के लिए हर एक के लिए मंजूर, फिर भी नहीं दिया गया

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जलगांव. जिला स्तरीय आशा स्वयंसेविका और गुट प्रवर्तकों की कई समस्याएं लंबित हैं। समस्याओं को लेकर संगठन ने कई बार आवाज उठाई है। लेकिन जिला परिषद ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करने के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन जलगांव ज़िला परिषद के सामने गुरुवार से शुरू किया गया है।

जिले की आशा स्वयं सेविकाएं और समूह प्रवर्तकों की समस्याओं की ओर प्रशासन का ध्यान दिलवाने के लिए संगठन के कार्याध्यक्ष रामकृष्ण पाटिल के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में कल्पना भोई, भागीरथी पाटिल, भारती नेमाडे, सुनंदा पाटिल, सुनीता भोसले, भारती तायडे, माया बोरसे, भारती चौधरी, अनीता कोल्हे शामिल हुए।

सरकार ने दी निधि, फिर भी भुगतान नहीं

देने प्रदेश की आशा स्वयंसेविका और समूह प्रवर्तकों का मासिक परिश्रम बढ़ाकर  2 हजार और 3 हजार रुपये करने का फैसला किया गया है। सरकार ने जुलाई 2020 से अक्टूबर 2020 तक की अवधि के लिए मानदेय में वृद्धि के लिए निधि भी दी है, लेकिन जलगांव जिले में आशा स्वयंसेविकाएं और समूह प्रवर्तकों को आज तक मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। इस कारण आशा स्वयंसेविका और समूह प्रवर्तकों में भारी आक्रोश है। मानदेय की रकम तत्काल वितरित की जाए।मुख्यमंत्री की सूचना के अनुसार कोरोना महामारी से निपटने तथा बीमारी पर काबू पाने के लिए ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ उपक्रम चलाया जा रहा है।

कोरोना काल में जान पर खेल किया काम

इस अवधि के दौरान पहल के तहत, आशा स्वयंसेवकों को १५० रुपये और टीम में स्वयंसेवकों को १०० रुपये स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन आज तक स्वयंसेवकों को भत्ता नहीं मिला। इससे आशा स्वयंसेविका और गुट प्रवर्तकों में गहरी नाराजगी छायी हुई है। कोविड के दौरान अपनी जान पर खेलकर आशा स्वयंसेविकाओं ने काम किया, पर उनकी सुध भी नहीं ली जा रही है। प्रदेश की आशा स्वयंसेविका और गट प्रवर्तकों को 2020-2021 से वर्दी के लिए हर एक के लिए 1हजार 2 सौ रुपये मंजूर किये गये हैं।

सेविकाओं से मांगे जा रहे  1000 रुपए

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नागरी अभियान के संचालक ने यह आदेश भी पारित कर दिया है। इसकी निधि भी जिला परिषद में आ गयी है। यह पैसा भी नहीं दिया गया। ऊपर से स्वयंसेविकाओं और गुट प्रवर्तकों से ही 1 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। इसकी भी जांच करने की मांग संगठन की ओर से की गयी है।