धुलिया में रुक नहीं रहीं चोरियां

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धुलिया. शहर और जिले में चोरी, सेंधमारी और एटीएम तोड़ने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पुलिस से शिकायत करने के बाद नागरिकों को लगता है कि अब उन्हें राहत मिलेगी, पर अगले ही दिन उन्हें चोरी,तोड़फोड़ की घटनाओं से गुजरना पड़ रहा है. इस समय दिवाली का सीजन है. लोगों के पास बोनस, वेतन का पैसा, गहनें होने से उन्हें असुरक्षा महसूस होने लगी है. पिछले दिनों  एक रात में दो एटीएम मुख्य सड़कों पर तोड़े गये.

जांच दल पर उठ रहे सवाल

भावसार कॉलोनी नामक एक ही क्षेत्र में अक्सर चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसके साथ ही धुलिया तहसील, शिरपुर और अन्य शहरों से भी चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं. इन सब में पुलिस की निष्क्रियता साफ नजर आ रही है. जांच दल के पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से शहर में चोरी और अवैध कारोबार की संख्या बढ़ी है. ऐसे  भ्रष्ट कर्मियों की चल अचल संपत्ति की जांच कराने की आवश्यकता है.

पुलिस को भी नहीं बख्श रहे चोर

धुलिया जिले की तरह, जलगांव जिला भी चोरी के मामलों में आगे बढ़ता जा रहा है. यहां भी आए दिन इस तरह की घटनाओं से लोग खासे परेशान हो गये हैं. आम लोग और व्यापारियों के यहां चोरियां तो आम बात है, पर धुलिया में चोरों ने एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के बंगले में तोडफ़ोड कर लाखों रुपयों का माल उड़ा दिया. पुलिस और कानून व्यवस्था का कोई डर ही चोरों में दिखाई नहीं दे रहा है. लोगों का कहना है कि पुलिस अपने ही अधिकारीयों की सुरक्षा नहीं कर सकती तो आम लोगों की क्या बात रही. चोरों ने स्थानीय अपराध शाखा समेत सभी पुलिस थानों के प्रभारी और अधिकारीयों को खुली चुनौती दे रखी है.

कैमरों के सहारे भी चोरों तक नहीं पहुंच रहे

नागरिकों का कहना है कि जहां चोरियां, तोड़फोड़ और सेंधमारियां होती हैं, उन इलाकों में कहीं ना कहीं सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं. गुनाह दाखिल होने के बाद जांच पड़ताल के दौरान पुलिस यह सीसीटीवी फुटेज भी खंगालती है. इसके बावजूद भी चोरों तक पहुंचने में पुलिस को महीनों कैसे लग जाते हैं? यह सवाल भी अब लोगों से उठाया जा रहा है. धुलिया में हुई एक डकैती के दौरान सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले थे. इस फुटेज में लगभग 13 आरोपी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, पर पुलिस ने सिर्फ 4 आरोपियों को हिरासत में लिया है. ऐसा कैसे हुआ यह भी लोगों की समझ के परे दिखाई दे रहा है. इस पुलिस महानिरीक्षक से भी लगाई गई गुहार

दरमियान प्रकरण को लेकर सामाजिक संस्था तथा राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने पुलिस महानिरीक्षक तक शिकायतें कीं, तब कहा गया कि एक पुलिस अफसर की जांच के बाद उस पर कार्रवाई की गयी. घटनाओं की जांच पड़ताल कुछ ही पुलिस कर्मचारी गंभीरता से कर रहे हैं.शेष बस रिकार्ड तैयार करने में ही लगे हुए नजर आ रहे हैं.इसका फायदा चोर,गुंडे,बदमाश उठा रहे हैं और इसकी सजा आम लोगों को भुगतनी पड़ रही है.