अवैध धंधे बंद कराने डीआईजी से मिले ग्रामीण

  • असलोद गांव में 10 साल से हो रही शराब की बिक्री

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धुलिया. शहादा तहसील के असलोद गांव में अवैध धंधे बढ़ गए हैं. ये धंधे बंद करवाने की मांग ग्रामीणों ने पुलिस और आबकारी विभाग से की, पर इस ओर ध्यान न देने से ग्रामीणों ने इसे धंधे बंद कराने की मांग नासिक डिवीजन के पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) से की है.

पिछले 10 वर्षों से ग्रामीणों ने असलोद पुलिस स्टेशन से लेकर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, आबकारी विभाग, शहादा तहसील से लेकर गृह मंत्रालय तक  वरिष्ठ स्तर पर शिकायतें कीं. गांव में चल रही शराब बिक्री को रोकने का भी ग्रामीणों ने ग्रामसभाओं में प्रस्ताव पारित कर जिलाधिकारी तक पहुंचाया. लेकिन फिर भी आबकारी विभाग और पुलिस ने असलोद गांव में ढाबे के नाम पर चल रही अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की.

ढाबे के नाम पर चल रहीं अवैध गतिविधियां 

अंत में ग्रामीणों ने इसे बंद कराने की मांग डीआईजी प्रतापराव दिघावकर और एक्साइज के डिप्टी कमिश्नर ऑफ नाशिक से की है. असलोद गांव में एक पुलिस स्टेशन होने के बाद भी पिछले 10 वर्षों से अवैध धंधे चल रहे हैं. इस पर पुलिस और आबकारी विभाग ने आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. यह बात जब डीआईजी के सामने ग्रामीणों ने रखी तो उन्होंने भी इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया.

असलोद गांव में होटल व्यवसाय के नाम पर अवैध शराब बेची जाती है. इस ओर पुलिस का ध्यान नहीं है. इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर अवैध धंधे रोकने की मांग आते ही डीआईजी ने संबंधित पुलिस थाना प्रभारी को इस पर कार्रवाई का आदेश दिया. आबकारी विभाग द्वारा अब क्या कार्रवाई होती है, इस ओर ग्रामीणों की नजरें लगी हुई हैं.