File Photo
File Photo

Loading

नयी दिल्ली. रोजगार के लिए दक्षता बढ़ाने वाले संस्थानों की कमी और रहने के लिए किफायती तथा उचित व्यवस्था नहीं होने समेत कई मुद्दे दिल्ली के युवाओं (Youth Sabha) की मुख्य चिंताओं में शामिल हैं। युवाओं ने आगामी ‘मास्टर प्लान’ (Master Plan) के लिए शहरी प्राधिकारों को इस संबंध में कई सुझाव दिए हैं । ‘दिल्ली मास्टर प्लान-2041′ (Delhi Master Plan 2041) के बारे में दिल्ली विकास प्राधिकारण (डीडीए) (Delhi Development Authority) (DDA)और शहरी मामलों का राष्ट्रीय संस्थान (एनआईयूए) द्वारा आयोजित ऑनलाइन चर्चा ‘यूथ सभा’ में दिल्ली के 15-30 साल के युवाओं और करीब 450 लोगों ने भागीदारी की । डीडीए के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि बृहस्पतिवार को यह बैठक हुई। इसके बाद एक अक्टूबर और तीन अक्टूबर को भी इसी तरह की चर्चा की जाएगी । तीनों बैठकों का विषय अलग-अलग है।

डीडीए ने एक बयान में शनिवार को कहा, ‘‘ज्यादातर युवाओं ने दिल्ली में रोजगार के लिए दक्षता बढ़ाने वाले संस्थान की कमी पर चिंता व्यक्त की। उनकी राय थी कि स्कूल और कॉलेजों में बेहतर शिक्षा और अपनी क्षमता के बावजूद जरूरी नहीं कि उन्हें रोजगार मिल जाए।” अधिकारियों ने कहा कि युवाओं का मानना है कि कौशल बढ़ाने वाले संस्थानों की जरूरत है, जिससे कि रोजगार को लेकर उनकी क्षमता बढ़े और वे नौकरी के लिए तैयार हो जाएं। कुछ युवाओं ने कहा कि वह जहां रहते हैं उसके 10 किलोमीटर के दायरे में कोई कॉलेज नहीं है। रोजाना आधार पर मेट्रो और बसों से आने-जाने का खर्च वे वहन नहीं कर सकते। चर्चा के दौरान कई युवाओं ने छात्रों और अन्य युवाओं के लिए आवास की समुचित व्यवस्था नहीं होने के मुद्दे पर बात की । अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में नजफगढ़ के रहने वाले एक युवक ने कहा कि उनके इलाके से निकटवर्ती कॉलेज 25 किलोमीटर दूर है । ऐसे में आने -जाने में उन्हें काफी समय लग जाता है।(एजेंसी)