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    नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के लिए कई कंपनियों ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) दिया था। अब सरकार कोरोना की दूसरी लहर के चलते घर से काम करने की अनुमति (वर्क फ्रॉम होम) को औपचारिक रूप देने की तैयारी में है। जिसके तहत इकनॉमिक जोन Special Economic Zones  (SEZ), आईटी कंपनियों के एम्पलाई के लिए जल्द ही परमानेंट ‘वर्क फ्रॉम होम’ की व्यवस्था की जा सकती है। इस एक प्रस्ताव पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा विचार किया जा रहा है,  इस महीने के अंत तक फैसला लिया जा सकता है।  

    इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आईटी उद्योग का कारोबार 191 अरब डॉलर का है। आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नैसकॉम ने सरकार से अनुमति मांगी है कि सेज में काम कर रहे आईटी कंपनियों में परमानेंट वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था की जाए।

    महीने के अंत तक आएगा फैसला 

    कोरोना की सेकेंड वेव के चलते देश की कई कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि, घर से काम करने की इजाजत को लेकर चर्चा जारी है, महीने के अंत तक फैसला लिया जा सकता है।  

    बता दें कि, भारत से आईटी सर्विस एक्सपोर्ट में सेज की हिस्सेदारी करीब 60% है।सरकार ने इससे पहले अदर सर्विस प्रोवाइडर (ओएसपी) के लिए बनाए गए नियमों के हिसाब से इसमें छूट देने का ऐलान किया गया था। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम की गाइडलाइंस के तहत अन्य सेवा देने वाली कंपनियों के लिए नियम आसान किए गए थे। सेज में कामकाज कर रही इकाइयां अब भी इस मसले पर अनिश्चितता का सामना कर रही हैं। 

    गृह मंत्रालय में 50 % कर्मचारी करेंगे काम 

    गृह मंत्रालय ने दिल्ली में कोरोना वायरस का संकट को देखते हुए नए आदेश जारी किए गई। जिसके अनुसार अधिक से अधिक कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। जिसके तहत अंडर सेक्रेटरी और उससे नीचे स्तर के अधिकारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी, जबकि दफ्तर में 50 फीसदी कर्मचारी ही आ सकेंगे। अधिकारियों को सुबह 9 और 10 के बीच अलग-अलग वक्त पर आना होगा, 30 अप्रैल तक ये आदेश जारी रहेगा। जो अधिकारी कंटेनमेंट जोन में हैं, उन्हें दफ्तर आने से छूट मिलेगी।