प्रशासिनक सेवा के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर देने का मसला विचाराधीन

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नयी दिल्ली. केन्द्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme court) को सूचित किया कि इस साल कोविड महामारी (Covid-19) से उत्पन्न स्थिति की वजह से अपने अंतिम प्रयास में यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं हो सके अभ्यर्थियों को एक और अवसर प्रदान करने का मुद्दा विचाराधीन है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ को यह जानकारी केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दी। पीठ कोविड-19 महामारी की वजह से यूपीएससी की परीक्षा में अपने अंतिम अवसर से वंचित रहे गये अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘यह विषय सरकार के विचाराधीन है।”   इससे पहले, 30 सितंबर को न्यायालय ने कोविड-19 महामारी और देश के कई राज्यों में बाढ़ से उत्पन्न गंभीर स्थिति के मद्देनजर चार अक्टूबर को होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक (Union Public Service Commission) परीक्षा, 2020 को स्थगित करने से इंकार कर दिया था।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने केन्द्र से कहा था कि वह उन अभ्यर्थियों को एक अवसर और प्रदान करने पर विचार करे जो कोविड महामारी की वजह से परीक्षा के लिये अपने अंतिम प्रयास में उपस्थित नहीं हो सकते। न्यायालय को उस समय बताया गया था कि इस बारे में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ही औपचारित निर्णय ले सकता है। इस बीच, पीठ ने रचना सिंह की अलग से दायर याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र को जवाब देने का निर्देश दिया और मामला सरकार के विचाराधीन होने संबंधी सालिसीटर जनरल के बयान के बाद इस मामले को अगले साल जनवरी के लिये स्थगित कर दिया।(एजेंसी)