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– प्रधानमंत्री, फडणवीस पर कोई कुछ भी बोलेगा-लिखेगा, तो चलता है?‍

कोल्हापुर. शरद पवार पर विवादास्पद टिप्पणी कर गोपीचंद पडलकर ने बड़ी गलती की है. हम ऐसी बातों का कतई समर्थन नहीं करते. इसीलिए देवेंद्र फडणवीस ने पडलकर से स्वयं फोन पर बात कर उन्हें इस तरह की बातें न करने की चेतावनी भी दी, लेकिन क्या सत्ता पक्ष में बैठे लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित मुझ पर कुछ भी लिखने-बोलने का अधिकार है क्या? यह सवाल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने गुरुवार को कोल्हापुर में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में क्या चल रहा है? नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडणवीस और मुझ पर कोई कुछ कहता है, लिखता है, तो ये चलता है? इसलिए  सबसे पहले उन लोगो को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए.

शरद पवार पर की थी टिप्पणी

रांका अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए विधायक गोपीचंद पडलकर ने उन्हें ‘कोरोना’ की संज्ञा दी थी. इस टिप्पणी के बाद राज्यभर में पडलकर का निषेध किया जा रहा है.  चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, विधायक गोपीचंद पडलकर एक समझदार कार्यकर्ता है. शरद पवार के प्रति उनके मन में आदर है. शरद पवार ने छोटी जातियों को महत्त्व नहीं दिया, यह पडलकर का खुद का अनुभव हो सकता है. शायद इसी पीड़ा के कारण उन्होंने शरद पवार के खिलाफ इस प्रकार की टिप्पणी की है. लेकिन हम कतई इस प्रकार की टिप्पणी का समर्थन नहीं करते.

संपादकीय के नाम पर आप कुछ भी लिखते हैं

अखबारों में संपादकीय के नाम पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ क्या-क्या लिखा जा रहा है. संपादकीय की भाषा क्या होती है? ऐसे सवालों को उठाते हुए शिवसेना मुखपत्र सामना पर उन्होंने अप्रत्यक्ष आरोप लगाया. राजनीति में शब्दों का उपयोग तोल-मोल कर करना चाहिए, क्योंकि उसके जख्म गहरे होते हैं. सभी राजनीतिक नेताओं को राजनीति में संस्कृति को महत्व देना चाहिये, ऐसा भी चंद्रकांत पाटिल ने कहा.