तोप की सलामी देकर हुई घटस्थापना

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कोल्हापुर. करवीर वासिनी मां अंबाबाई मंदिर में तोप की सलामी देकर घटस्थापना की गई. शनिवार को सुबह 7.30 बजे से कोल्हापुर के इस पुरातन आंबाबाई मंदिर में पुण्यवाचन और नांदीश्राद्ध के दोनों विधी किए गए. उसके बाद तोप की सलामी दिए जाने के बाद आंबाबाई मंदिर में घटस्थापना की गई. दोपहर 12 बजे माध्यान्ह अभिषेक सम्पन्न हुआ. फिर उसके बाद देवी की सालंकृत पूजा बांधी गयी. दिनभर मंदिर में सप्तशती पाठ और लक्ष्मी नारायण हृदय पाठ बड़े भक्तिभाव के साथ जारी रहा. नवरात्रि के इस पावन पर्व में रोजाना की तरह देवी मां का तीन बार अभिषेक किया जाएगा. 5 बार आरती होगी. साथ ही रोज रात को देवी माता की पालखी मंदिर की प्रदक्षिणा पूरी करेगी. 

पंचमी,अष्टमी और  विजया दशमी के दिन देवी की पालखी भेंट लेने के लिए मंदिर से बाहर अन्य मंदिरों और दसरा चौक में जाएगी. हर वर्ष नवरात्रोत्सव के पावन पर्व में देशभर के लाखों श्रद्धालुओं की भीड़  कोल्हापुर के आंबाबाई मंदिर में दर्शन के लिए लगती है, लेकिन कोरोना की महामारी के कारण मंदिर इलाके में काफी शांति का माहौल है. केवल कुलाचार के श्रीपूजक औऱ पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के पदाधिकारी और साथ मे मंदिर की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं. अश्विन शुध्द प्रतिपदा शारदीय नवरात्रि पर्व के पहले दिन शार्वरी नाम संवत्सर शालिवाहन शके 1942 करवीर वासिनी श्री अंबाबाई (महालक्ष्मी) देवी की महाशक्ति कुंडलिनी के रूप में अलंकार पुजा बांधी गयी. यह पूजा मकरंद मुनीश्वर माधव मुनीश्वर द्वारा बांधी गयी.