अब कोल्हापुर में फिर होगा 14 दिनों का सख्त लॉकडाउन, ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने दिए संकेत

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    कोल्हापुर. कोल्हापुर (Kolhapur) में कोरोना (Corona) कहर बरसा रहा है, इस कहर में रोजाना 40 से 50 लोगों की जाने जा रही हैं। दिन-ब-दिन बढ़ते इस मृत्यु के प्रमाण को रोकने के लिए अब आनेवाले दो दिनों में 10 से 14 दिनों का सख्त लॉकडाउन (Lockdown) करना पड़ेगा और जल्दी ही उसका निर्णय लिया जाएगा ऐसे स्पष्ट संकेत महाराष्ट्र के ग्रामविकासमंत्री एवं कोल्हापुर जिले के वरिष्ठ नेता हसन मुश्रीफ (Hasan Mushrif) ने दिए हैं। 

    इस सख्त लॉकडाउन में से केवल दूध और मेडिकल सेवा ही जारी रहेंगी और बाकी सभी सेवाओं को बंद रखा जाएगा। सिवाय इसके अब कोरोना का बढ़ता संक्रमण नहीं रोका जा सकता, ऐसा मंत्री मुश्रीफ ने  पत्रकार परिषद में बताया। 

    दो दिनों में पहुंचेगी टास्क फोर्स

    कोल्हापुर जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती मृत्यू संख्या से जिला प्रशासन हड़बड़ा गई है। इसी वजह से अब डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव से बातचीत कर इस बढ़ती मृत्यु की संख्या को रोकने के लिए दो दिनों में टास्क फोर्स लाया जाएगा, ऐसा उन्होंने बताया।कोल्हापुर में सख्त से सख्त लॉकडाउन करने की निर्णय एक हप्ते पहले लिया गया था, लेकिन गोकुल डेयरी का चुनाव खत्म होने तक नेताओं ने क्यों नहीं किया? लॉकडाउन इस सवाल को उठाते हुए सोशल मीडिया पर टिप्पणी हुई और नेताओं ने लॉकडाउन का निर्णय पीछे लिया था। लेकिन उस वक्त सांगली, सातारा जिले में सख्त लॉकडाउन किया गया। वहां गोकुल का चुनाव नहीं था, लेकिन इसी पीछे लिए गए निर्णय के कारण अब कोल्हापुर में कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है। ऐसा बताकर पालकमंत्री सतेज पाटिल और जिलाधिकारी दौलत देसाई दोनों भी जिले से बाहर हैं, उनके आते ही अगले दो दिया में बैठक लेकर कड़े से कड़े लॉकडाउन का निर्णय लिया जाएगा ऐसा पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री मुश्रिफ ने कहा।

    मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे

    मंत्री ने कहा कि रेमडीसीवर इंजेक्शन की मांग के 10 प्रतिशत पूर्ति हो रही है, ऐसा बताकर, कोल्हापुर जिले में ऑक्सीजन की कमी महसूस होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, जिससे किसी भी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो रहे। वहीं आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की कमी भी भारी महसूस हो रही है। इसीलिए कड़े से कड़े लॉकडाऊन की आवश्यकता है। ऐसा बताकर पहले शुरू में लोगों को कोरोना का भय था, लेकिन अब उतना भय नहीं रहा जो इनके जिंदगी के लिए हानिकारक है।

    अब रिपोर्ट देखने की जरूरत नहीं, तत्काल इलाज शुरू करने होंगे

    केंद्र सरकार ने अब ऐसा निर्णय लिया है कि कोरोना के लक्षण दिखाई देते ही जांच रिपोर्ट को देखने की जरूरत नहीं, ऐसे मरीजों पर तत्काल इलाज शुरू करने होंगे। इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते ही मरीज भी अपने आप अपने घरों से बाहर आएं और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हो जाएं इस प्रकार की अपील मंत्री मुश्रिफ ने की। 

    अब बच्चों की जाने खतरें में?

    मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि अब छोटे बच्चों को कोरोना होने की संभावना बढ़ गई है, जिससे बच्चों की जाने खतरें में आ सकती हैं, इसलिए खास बच्चों के लिए बनाए गए वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।