Hasan Mushrif
File Photo

    Loading

    कोल्हापुर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने विधायक प्रतापराव सरनाईक (MLA Prataprao Sarnaik) के लेटर बम (Letter Bomb) मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पुणे (Pune) में कहा था कि महाविकास आघाडी अपने सिने पर हाथ रखकर कहें कि वे एक-दूसरे के साथ सुख में हैं। इस पर सोमवार को कोल्हापुर में आयोजित एक पत्रकार परिषद में ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ (Hassan Mushrif) ने चंद्रकांत पाटिल को करारा जवाब देते हुए कहा कि अपने सिने पर नहीं, हम तो अपने सर पर हाथ रखकर बताते हैं कि आघाडी में हम सुखी हैं, दुःखी और अस्वस्थ तो आप हो। हम सत्ता में बैठे हैं और बिना किसी अनुभव के कोरोना जैसी जानलेवा महामारी का डटकर सामना कर रहे हैं। शिवसेना विधायकों के काम होते नही हैं ऐसा विधायक प्रतापराव सरनाईक के खत में उल्लेख है, इस पर ध्यान आकर्षित करने पर मंत्री मुश्रिफ ने कहा कि मुख्यमंत्री उनके हैं और उनके कामों को निपटाने में हमे कोई दिक्कत नहीं। हमारे से दोगुना काम तो सेना विधायकों के होने चाहिए।

    सांसद संभाजीराजे छत्रपति पुणे से मुंबई में मंत्रालय तक लांग मार्च निकालने जा रहे हैं। ऐसा पूछे जाने पर हसन मुश्रीफ ने कहा कि संभाजीराजे के मूक आंदोलन किए जाने पर मैं और कोल्हापुर जिले के पालकमंत्री सतेज पाटिल ने उन्हें तत्काल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में आमंत्रित किया। उस बैठक में संभाजीराजे छत्रपति की छह मांगो को तत्काल मान्यता दी गई। साथ ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी ‘सारथी’ के बारे में पुणे में बैठक लेते हुए उनकी सभी मांगे पूरी की। अब रहा सवाल मराठा आरक्षण का, वो तो अब राज्य सरकार के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के हाथों में है। उसके लिए केंद्र सरकार के पास जाना पड़ेगा ऐसा उस वक्त भी मैने कहा था, फेर विचार याचिका के निर्णय के बाद भाजपा समेत हम सभी दलों के नेताओं को, मंत्रिमंडल को साथ मिलकर काम करना चाहिए, ऐसा आवाहन भी किया था ऐसा उन्होंने कहा। मराठा समाज की सहनशीलता का अंत देखने की जरूरत नहीं। उन्हें न्याय देना चाहिए, गरीब मराठा समाज को शिक्षा तथा नौकरियों में आरक्षण दिलाने के लिए हाथों में हाथ डालकर इकट्ठे होने की जरूरत है यही भूमिका मैंने रखी थी। ऐसा भी मंत्री मुश्रिफ ने बताया।

     ओबीसी के लिए आरक्षण देने का भी प्रयास करें

    मराठों के आंदोलन के बाद अब ओबीसी कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की तैयारी में जुटे हैं। इस बात से वाकिब कराने के बाद मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि मूक आंदोलन के दिन शाम को ओबीसी कार्यकर्ताओं के साथ हमारी बैठक हुई। इस बैठक में सर्वोच्च न्यायालय में जाकर फेर याचिका दायर करने और 2011 के जनगणना के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से डेटा मंगवाकर जल्द से जल्द ओबीसी के लिए आरक्षण देने का भी प्रयास करें। ऐसा इस बैठक में तय किया गया है। पचास प्रतिशत के अंदर करीबन 20 जिलों में ओबीसी आरक्षण का सवाल ही नहीं पैदा होता। लेकिन बाकी बचे 16 जिलों में पचास प्रतिशत से बढ़कर ओबीसी आरक्षण का मामला आता है। वहां सोच विचार करने की जरूरत है। ऐसा भी मंत्री मुश्रिफ ने कहा और उन्होंने यह भी बताया कि 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन होने के बाद ही राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव लिए जाएंगे।