कही ”भाभी-देवर होली” तो कही ”लठमार होली”, जाने ऐसी 10 अजीब नामोंवाली होली

भारत विविधताओं से भरा देश है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दिवाली, दशहरा, गोकुल जन्माष्टमी समेत काफी त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते है। इनमें से एक त्यौहार होली है। होली एक ऐसा त्यौहार है जिसका लोग

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भारत विविधताओं से भरा देश है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दिवाली, दशहरा, गोकुल जन्माष्टमी समेत काफी त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते है। इनमें से एक त्यौहार होली है। होली एक ऐसा त्यौहार है जिसका लोग काफी बेसबरी से इंतजार करते है। होली में रंगो के साथ काफी मस्ती होती है। इस दिन लोग गानों की धुन पर ठुमके लगाते है। इस त्यौहार का लोग बड़े ही मजेदार और खुशनुमा तरीके से आनंद लेते। इस दिन विविध रंगो से भारत देश रंग जाता है।

इस त्यौहार को हर कोई मनाता है चाहे वो हिन्दू, मुसलमान, सीख या फिर वो ईसाई हो, इस दिन हर धर्म, जात के लोग इस दिन एकजुटता दिखाते है। विविधताओं से भरे इस भारत वर्ष में होली हर जगह अलग-अलग परंपरा, तरीकों से मनाई जाती है। तो आइए जानते है ऐसी ही दस जगहों के बारें में जहां होली काफी अलग ढंग से मनाई जाती है।

लठमार होली
उत्तर प्रदेश में लठमार होली मनाई जाती है। यह होली सबके लिए एक रोचक अनुभव होता है। इस होली में महिलाएं लाठी या बेंत से पुरुषों को मारती है। इसके लिए पुरुष भी ढाल लेकर तयार होते हैं। यह सब एक हास्यात्मक ढंग से किया जाता है। इसमें कोई आक्रामक तरीका इस्तेमाल नहीं किया जाता। लठमार होली एक पुरानी परंपरा है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान कृष्ण होली खेलने के लिए राधा के गांव बरसाना गए थे। इस दौरान गांव की महिलाओं ने भगवान कृष्णा पर लाठियों से हमला कर दीया और उनका पीछा किया। तब से यहा लठमार होली मनाई जाती है।

भाभी-देवर होली
हरियाणा में होली का अलग ही महत्व है। यहा होली काफी अलग ढंग से मनाई जाती है। हरियाणा की होली को भाभी-देवर होली भी कहा जाता है और यह काफी लोकप्रिय है। यहा गीले सूखे रंग लगाए जाते है संगीत होता, जिसका आनंद यहा के लोग उठाते है और काफी मस्ती भी करते है।

बैठकी होली, खड़ी होली
उत्तराखंड में होली एक अलग ढंग से मनाई जाती है और यह काफी प्रचलित है। यहां के लोग पारंपरिक कपडे पहनते है और पारंपरिक क्षेत्रीय गीत गाते है टोलियों में घूमते है। इसे बैठकी होली, खड़ी होली के अलावा महिला होली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाया जाता है संगीत समारोह होता है। यहा के लोगों के लिए यह त्यौहार मस्तीभरा रहता है।

बसंत उत्सव
पश्चिम बंगाल में होली मनाने का अलग ही तरीका है। यहा होली बसंत उत्सव और डोल जत्रा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खास तौर पर महिलाएं पिले रंग के कपडे पहनती है। बसंत उत्सव को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन रंगो के अलावा कविताएं, संगीत और नृत्य किए जाते है। उसके अगले ही दिन डोल जत्रा मनाई जाती है। इस जत्रा में लोग भगवान कृष्ण की मूर्ति का जुलुस निकालते है। इसमें संगीत के साथ-साथ लोग रंग भी खेलते है। इस दिन काफी उत्साह होता है।

फगुआ
बिहार में होली फगुआ के रूप में मनाई जाती है। इस सभी लोग जलाऊ लकड़ियों की चिता बनाते है और दिन होली का दहन करते है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है। इसके अगले ही दिन लोग सूखे और गीले रंगो से होली खेलते है।

होला मोहल्ला
पंजाब में होली काफी मजेदार तरीके से मनाई जाती है। होली के एक दिन पहले सिख योद्धा अलग-अलग तरह के खेल कूद और प्रतियोगिताएं होती है। इसमें मार्शल आर्ट है। सिख योद्धा मार्शल आर्ट का प्रदर्शन दिखाते है। इसके बाद संगम और नृत्य होता है। दूसरे दिन सूखे और गीले रंगो से होली खेली जाती है।

रंग पंचमी
महाराष्ट्र में होली को रंग पंचमी या शिमगा कहा जाता है। होली के दिन जलाऊ लकड़ियों की चिता बनाकर उसे जलाया जाता है। इसे होली का दहन कहा जाता है। इसके अलावा यहा लोग सूखे और गीले रंग एक दूसरे को लगाकर होली का आनंद उठाते है। महाराष्ट्र में होली पांच दिनों तक मनाई जाती है।

मंजल कुली
केरल में होली मंजल कुली या उकुली के रूप मनाई जाती है। यह केरला का पारम्परिक उत्सव है। यह त्यौहार कोंकणी और कुडुंबी समुदाय में लोकप्रिय है। इस दिन हल्दी को रंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा रंगो और फूलों का इस्तेमाल भी किया जाता है। 

शिग्मो
गोवा में होली शिग्मो के रूप में मनाई जाती है। इसमें किसान और खेती करनेवाले लोग सड़कों पर पारंपरिक लोक नृत्य करते है जुलूस निकालते है। इसमें गोवा के लोग और टूरिस्ट भी शामिल होते है। यहा भी रंगो के साथ होली खेली जाती है।

योसंग
मणिपुर में होली बेहद खास होती है। यहा होली योसंग के रूप में मनाई जाती है। मणिपुर में होली का त्यौहार एक हप्ते तक चलता है। यहाँ के लोग घास और टहनियों से बनी झोपड़ी को जलाते है। इसके अलावा पारंपरिक नृत्य करते है। जुलुस निकालते है और रंगो के साथ खेलते है।