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नागपुर. मेकोसाबाग में 24 मार्च से चैत्र नवरात्र महोत्सव मनाने के लिए घटस्थापना रात 12 बजे चंद्रलाल सोनारा, किशन सोनारा के मार्गदर्शन में होंगी. योगमाता मंदिर में 25 मार्च से रोजाना सुबह-शाम महाआरती पूजा करके मनोकामना यज्ञ का आयोजन किया जाएगा. मंदिर में चैत्र नवरात्र महोत्सव मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है. 2 अप्रैल तक चैत्र नवरात्र महोत्सव अनेक धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया जाएगा. चैत्र नवरात्र उत्सव मनाने के लिए मंदिर को सजाया जा रहा है. मंदिर में नवरात्र महोत्सव को सफल बनाने के लिए बेली सोनारा, रमेश सोनारा, सागर सोनारा, केटी धनराजानी, निर्मल दुदानी, विनोद दुदानी, सुनील दुदानी, दीपक गुरबख्शानी, राजा गुरबख्शानी, विजय दयारामानी, विजय लालवानी, संजय धनराजानी, सनी दुदानी आदि प्रयासरत है. महिला भक्त मंडली द्वारा भी रोजाना चैत्र नवरात्र महोत्सव में भजन पेश किए जाएंगे. 25 मार्च से रोजाना नवरात्र महोत्सव की पूजा-अर्चना संपन्न होगी. 24 को रात से ही अखंड ज्योत जलाई जाएंगी. अखंड ज्योत का रोजाना पूजन होगा. रामनवमी पर माता रानी के घट स्थापना का विसर्जन करके अखंड ज्योत का विसर्जन किया जाएगा. रोजाना आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया जाएगा
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नवरात्रि पर मंदिरों में होगी पूजा
नागपुर. चैत्र नवरात्र महोत्सव का आगमन 25 मार्च से हो रहा है इसी दिन नए संवत्सर का भी आगाज हो जाएगा. हर वर्ष चैत्र नवरात्र महोत्सव के आगमन पर नया संवत्सर शुरू होता है. हिंदू वर्ष का आगमन होता है और साल भर हिंदू वर्ष की गणना चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से की जाती है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर हिंदू वर्ष का शुभारंभ रूप माना जाता है. 25 मार्च को गुडी पाड़वा के रूप में नया वर्ष मनाया जाएगा. नया वर्ष नए संवत्सर के साथ अनेक ग्रहों का गठन होगा जो साल भर अपने ग्रहों के प्रभाव के शुभ अशुभ फल प्रदान करेंगे. नवरात्र महोत्सव के साथ इस बार 9 दिनों तक मंदिरों में अनेक आयोजन संपन्न होंगे. दुर्गा मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाएगा. दुर्गा माता के जागरण भी होंगे. मंदिरों में अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. 25 से लेकर 2 अप्रैल तक नवरात्र महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. इस बार नवरात्र महोत्सव शुभदायी योग बना रहे हैं क्योंकि इस बार 9 दिनों तक नवरात्र पूर्ण रूप से रहने वाले हैं. एक भी तिथि कम नहीं हो रही है. 25 से लेकर 2 अप्रैल तक पूरे 9 दिनों तक भक्त माता रानी की भक्ति में भक्त लीन रहेंगे. 9 दिनों तक लगातार नवरात्र में पूजा, अर्चना की जाएंगी. इसे छोटे नवरात्र के रूप में माना जाता है. हर साल चार प्रकार के नवरात्र आते हैं. दो गुप्त नवरात्रि रहते हैं और दो जागृत नवरात्र माने जाते हैं. अश्विनी मास में आने वाले नवरात्र बड़े माने जाते हैं जो कि श्राद्ध पक्ष के बाद आरंभ होते हैं. इसी प्रकार चैत्र नवरात्र को छोटे नवरात्रि के रूप में माना जाता है. लेकिन यह नवरात्र में नए संवत्सर के आगाज होने से कई ग्रहों का गठन भी होता है.

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