Aja Ekadashi
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वर्ष 2020 में अजा एकादशी का पर्व, आज यानि 15 अगस्त को मनाया जा रहा है. इस एकादशी व्रत का हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व है. इस दिन पूरे विधि विधान द्वारा पूजा करने से सारे पापों से छुटकारा मिलता है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली यह एकादशी अश्वमेध यज्ञ के फल को देने वाली है. इसे करने से सारे दुःख-दर्द, दरिद्र, शोक का निवारण होता है तथा कई पीढ़ी के पुर्खे तर जाते हैं.

यह व्रत बहुत ही पुण्यदायक है, जो भगवान श्री हरी को समर्पित है. इस दिन वर्ती को नित्य कर्म करके माँ लक्ष्मी और भगावान विष्णु की पूजा षोड़षोपचार विधि से करनी चाहिए या फिर कीड़ी ब्राह्मण से करनी चाहिए. उनका पूजन करने के बाद उन्हें प्रसाद अर्पण करना चाहिए और फिर भक्तजनों में बांटे तथा सवयं भी ग्रहण करें. अजा एकादशी के दिन, रात भर श्री हरी के भजन कीर्तन होते हैं, और इस दिन निद्रा का त्याग करना चाहिए. यह व्रत करने से व्रती को धन, पुत्र व जीवन में सुख की प्राप्ति होती है और अंतकाल में वैकुंठ में वास मिलता है.

एकादशी तिथि:

भादो मास कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, कल यानि 14 अगस्त दोपहर 2 बजे से शुरू हो चुकी है. आज दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक एकादशी रहेगी उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी. द्वादशी की तिथि 16 अगस्त के दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक है.

शुभ मुहूर्त:

पंचांग के अनुसार पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 52 मिनट से लेकर 10:30 बजे तक रहेगा. वहीं, पारण का समय अगली सुबह यानी 16 अगस्त को सुबह 16 अगस्त 05:51 से 08:29 तक है.