देशभर में आज (7 अगस्त) को बहुला चतुर्थी का त्यौहार मनाया जा रहा है. बहुला चतुर्थी व्रत, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है. यह व्रत पुत्रवती स्त्रियां अपने पुत्र की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. यह व्रत मूल रूप से गौ पूजा का पर्व है. यह व्रत संतान प्राप्ति और ऐश्वर्य बढ़ाने के लिए किया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि माता से बढ़कर गौ माता होती है.
बहुला चतुर्थी व्रत का नियम :-
1- बहुला चतुर्थी के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर, स्नान करके, हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प, दूर्वा और जल लेकर विधि के साथ अपना नाम, गोत्र और वंश का उच्चारण करके संकल्प लेना चाहिए.
2- इस पर्व में पूरे दिन व्रत रखकर संध्या काल में श्री गणेश, भगवान कृष्ण और मिट्टी की गाय व सिंह बनाकर उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए.
3- इस दिन कई तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं और भगवान को भोग लगाया जाता है. बाद में इसे बछड़े को खिला दिया जाता है.
4- व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन श्रद्धा पूर्वक बहुला चतुर्थी व्रत कथा भी सुननी चाहिए.
5- बहुला चतुर्थी के दिन श्री कृष्ण के साथ भगवान गणेश की पूजा का भी नियम है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
6- इस दिन श्रद्धा के साथ व्रत और पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाकर, उसी प्रसाद से पारण करना चाहिए.
7- बहुला चतुर्थी के दिन भगवान श्री कृष्ण और गाय की वंदना करें.
-मृणाल पाठक