लाकडाउन में आनलाइन सत्संग का घर बैठे उठाएं लाभ

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हिन्दू जनजागृति समिति की पहल

कोरोना वायरस से पूरे विश्व में मौत का तांड़व शुरू है. इससे लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं. अभी भी यह संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसके फलस्वरूप पूरे देश में संचार बंदी एवं यातायात बंदी (लाक डाउन) लागू है. कुल मिलाकर समाज में भय का वातावरण बना हुआ है और चारों ओर चिंता, असुरक्षा और निराशा की भावना बढ़ गई है. ऐसे समय में सभी का मनोबल गिरता जा रहा है. इस गिरते मनोबल को रोकने, आत्मबल बढ़ाने और इस प्रकार के कठिन समय में भी आनंदित रहने हेतु नियमित रूप से साधना करना आवश्यक है.

इसे समय की मांग समझकर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आन लाइन सत्संग माला का आयोजन किया गया है. इस बारे में जानकारी देते हुए हिन्दू जनजागृति समिति, नाशिक के शिवाजी उगले ने कहा, सरकार की ओर से यातायात बंदी की अवधि में घर के बाहर न निकलने की अपील की गई है. इसके कारण घर बैठ कर भी अनेक लोगों को अब क्या करें, यह समझ में नहीं आ रहा है. ऐसे में बच्चों को भी खेलने के लिए बाहर नहीं भेज सकते इसलिए अभिभावकों के सामने उन्हें क्या दें, यह प्रश्न है.

इस पृष्ठभूमि पर यह आन लाइन सत्संग माला’ आपके परिवार के लिए निश्चित रूप से पूरक सिद्ध होगी. इस शृंखला में छोटे बच्चों के लिए बालसंस्कार वर्ग, इस भीषण संकटकाल में आत्मबल बढ़ाने हेतु नामजप सत्संग, ईश्वर के प्रति श्रद्धा दृढ़ होकर ईश्वर के प्रति भाव की वृद्धि करने हेतु भावसत्संग, साथ ही आकस्मिक आपदाओं के संदर्भ में धर्म क्या कहता है, धर्मशिक्षा की आवश्यकता आदि अनेक प्रश्नों के उत्तर देने वाला धर्मसंवाद, प्रतिदिन ऐसे 4 कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं.

यह आन लाइन सत्संगमाला हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दू अधिवेशन नामक फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल हिन्दूजागृति के द्वारा साथ ही सनातन संस्था के फेसबुक पेज और यू-ट्यूब चैनल द्वारा लाइव प्रक्षेपित की जा रही है. यह सत्संग हिन्दी भाषा के साथ ही कन्नड, तेलुगू, तमिल एवं मल्यालम भाषाओं में प्रक्षेपित किए जा रहे हैं. घर बैठे इन कार्यक्रमों का लाभ उठाने हेतु लाक डाउन की अवधि का सदुपयोग करें, सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यह आह्वान किया गया है. हिन्दी आनलाइन सत्संग माला Youtube.com/HinduJagruti, Youtube.com/SanatanSanstha1, Facebook.com/HinduAdhiveshan, Facebook.com/Sanatan.org पर देख सकते हैं.