The beauty of Nagpur attracts tourists towards it

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नागपुर महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है. साथ ही यहां पर महाराष्ट्र के कई सारे सरकारी कार्यालय होने की वजह से नागपुर को  राज्य की दूसरी राजधानी भी कहा जाता है. यहां कई तरह के मीठे संतरे पाए जाते हैं, जिस वजह से यह शहर देशभर में ‘ऑरेंज सिटी’ के नाम से भी फेमस है. नागपुर में नाग साँप बहुत पाए जाते थे. इसलिए इस शहर का नाम नागपुर रखा गया. यहां बने अनेक मंदिर, ऐतिहासिक इमारतें और झील, पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इसलिए कभी नागपुर में छुट्टियां बिताने का प्लान बना रहे हैं, तो इन जगहों पर जरूर जाएं.

जीरो माइल मार्कर- जीरो माइल, औपनिवेशिक भारत के भौगोलिक केंद्र का बिंदु है. यहां चार घोड़ों के साथ एक स्मारक और बलुआ पत्थर से बना एक स्तंभ है. यह वही जगह है, जहां से अंग्रेजों ने चारों दिशाओं में चार घोड़े भेजकर इस जगह का माप लिया था.

रमन विज्ञान केंद्र- यह केंद्र 1992 में स्थापित किया गया था, और यहां का तारामंडल 1997 में कार्य करने लगा था. रमन साइंस सेंटर में एक गैलरी है, जो आईटी, फन साइंस प्रदर्शनी और विज्ञान पार्क प्रदर्शित करती है. इस केंद्र का नाम नोबेल पुरस्कार विजेता, विज्ञानी श्री चंद्रशेखर वेंकट रमन के नाम पर रखा गया है. 

अदासा गणपति मंदिर- यह नागपुर के एक छोटे से गाँव में स्थित भगवान गणेश का प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है, कि यहां भगवान गणेश की 12 फीट लंबी और 7 फीट चौड़ी मूर्ति है और यह मंदिर गणेश के आठ अष्ट विनायकों में से एक है.

दीक्षाभूमि स्तूप- नागपुर में स्थित दीक्षाभूमि स्तूप बौद्ध धर्म का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्मारक है. यह स्तूप एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है, जो अपनी सुंदरता की वजह से नागपुर के मुख्य पर्यटन केंद्रों में से एक है.

महाराज बाग- भोंसले राजाओं द्वारा बनाये गए मोहक पार्क को एक वनस्पति उद्यान और चिड़ियाघर के रूप में पुनर्निर्मित किया गया था, जिसे अब महाराज बाग के नाम से जाना जाता है. प्रकृति से प्रेम करने वाले पर्यटक इस जगह को बेहद पसंद करते हैं. इस पार्क में कई तरह के जानवर देखने को मिलेंगे.

अंबाझरी झीलयह झील नागपुर में एक प्रमुख पर्यटक स्‍थल है. यह लगभग 15 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. यहां स्थित गार्डन में एक म्‍यूजिक फाउंटेन भी है, जो छोटे बच्चों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है, साथ ही बगीचे में वाकिंग ट्रैक भी है, ताकि लोग सुबह-सुबह सुंदर और शांत जगह टहल सकें.

-मृणाल पाठक