देशभर में आज नागपंचम पर्व मनाया जाएगा. नागपंचम एक हिन्दू त्यौहार है. यह नागदेवता को समर्पित है. इस त्यौहार को सावन हिंदू महीने के चांदनी पखवाड़े की पंचमी कहा जाता है. यह पर्व भाद्रपद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है.
नागपंचम महत्व
नागपंचम पर्व के दिन लोग नाग देवता के चित्रों के साथ कई रूपों के साँपों की पूजा करते हैं. इस दिन साँपों का आशीर्वाद पाने के लिए कई अनुष्ठान भी किए जाते हैं. इस पर्व के अवसर पर ग्रामीण साँपों को मंदिर ले जाते हैं और संगीत पर नृत्य करते हैं. इस दिन साँपों को दूध और चावल चढ़ाया जाता है और उनसे परिवार की सुरक्षा करने के लिए प्रार्थना की जाती है.
नागपंचम से जुड़ी विशेष बातें
गुजरात में नागपंचम पर्व की पूजा हिंदू नाग देवता वासुकी को समर्पित है. इस दिन लोग साँपों को देवताओं का प्रतिनिधि मानकर उनकी पूजा करते हैं. बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मनसा देवी की पूजा मुख्य रूप से की जाती है. मनसा देवी साँपो की देवी हैं.
नागपंचम व्रत कथा
नागपंचम की कथा भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई है. मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण के मामा कंस ने उन्हें मारने के लिए कालिया नाग को भेजा था. एक बार जब भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे गेंद खेल रहे थे, तब उनकी गेंद गलती से नदी के अंदर चली गई. जब भगवान कृष्ण गेंद लाने के लिए नदी के अंदर गए तो कालिया नाग ने उन पर हमला कर दिया, लेकिन श्री कृष्ण के आगे कालिया नाग की शक्तियों का कोई प्रभाव नहीं हुआ. तब कालिया नाग ने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगते हुए वचन दिया कि वह कभी भी गांव वालों को कोई क्षति नहीं पहुंचाएगा और वहां से हमेशा के लिए चला जायेगा. कालिया नाग पर श्री कृष्ण की जीत को भद्रापद कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि, नाग पंचमी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.