‘अंगदान सर्व श्रेष्ठ दान’, जानिए क्यों मनाया जाता है 

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आज यानी 13 अगस्त 2020 को अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल मनाए जाने वाला यह दिन का उद्देश्य लोगों में अंगदान के लिए जागरूकता बढ़ाना है. ताकि किसी जरूरतमंद की जिंदगी बचाई जा सके. एक व्यक्ति अपना अंग दान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है, लेकिन आज भी जागरूकता की कमी होने की वजह से कई लोगों की जान चली जाती है. मृत्यु के बाद ह्रदय, लीवर, आंत, फेफड़े, गुर्दे आदि का दान कर किसी जरूरतमंद को जीवनदान दे सकते हैं.

क्यों जरूरी है अंगदान
ऑर्गन डोनेट करके आप किसी को जीवनदान दे सकते हैं. यह काम आप आपके मृत्यु के बाद या जीवित रहते हुए भी कर सकते हैं. अंगदान पूरी तरह आपकी सोच पर निर्भर करता है की आप ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया से कितने जागरूक है. 

कैसे करें अंग दान
ऐसे कई अस्पताल और एनजीओ है जो ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया से जुड़े हैं. ऐसे में आप वहां जाकर एक फॉर्म में, जिसमे आप कौन से अंग को दान करना चाहते हैं उसकी जानकारी दें. उसके बाद आपको एक कार्ड मिलेगा जिसकी जानकारी आप अपने परिवार को दें ताकि आपके मृत्यु के बाद वह उस अस्पताल में सूचित कर सकें. मृत्यु के बाद बस वो ही अंग आपके शरीर से निकला जाएगा जिसकी इच्छा अपने जताई थी. अगर अपने फॉर्म नहीं भरा है और आप फिर भी अंग दान करना चाहते हैं, तो इस बात की इच्छा आप अपने परिजनों को बता दें. ताकि आपकी मृत्यु के पश्चात वह इस बात की जानकारी दे सकें.

किस तरह से किया जाता है ऑर्गन डोनेट

ऑर्गन डोनेशन दो तरह से किया जा सकता है

  • लिविंग डोनर : जीवित रहते हुए भी कोई भी व्यक्ति शरीर के कुछ हिस्से जैसे किडनी, बोन मैरो डोनेट कर सकता है.
  •  ब्रेड डेड : ब्रेन डेड घोषित होने पर किडनी, पेंक्रियाज, ओवरी, आंखें, बोन, लिवर, फेफड़े और त्वचा को किसी ज़रूरतमंद के शरीर में ट्रांसप्लांट करते हैं.

ऑर्गन और टिश्यू डोनेशन में अंतर

  • ऑर्गन शरीर का वह अंग है जिसका काम करना किसी भी इंसान के जीवित रहने के लिए जरूरी है. जैसे हृदय, फेफड़े, किडनी आदि.
  • टिश्यू यानी ऊत्तक /कोशिकाएं कॉर्निया, त्वचा, हार्ट वॉल्व जैसे अंगों का हिस्सा होती हैं.

अंगदान के लिए भारत में क़ानूनी नियम 
भारत के कानून के अनुसार अंगदान करना वैध है. हमारे संविधान में मानव अंग अधिनियम को 1994 के प्रत्यारोपण को अधिनियमित किया, जो अंग दान की अनुमति देता है और अंगदान को वैध बनाता है.