क्या है दही हांडी का महत्व?
दही हांडी का उत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के समय मनाया जाने वाला एक विख्यात उत्सव है. यह उत्सव श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष में मनाया जाता है. दही हांडी का उत्सव पूरे देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, खासकर यह उत्सव गुजरात और महाराष्ट्र में बेहद उत्साह से मनाते हैं. इस उत्सव के दौरान युवा एक दल बनाकर हिस्सा लेते हैं. जिसमें दही से भरी हांडी को ऊंचाई पर रख दिया जाता है और युवाओं का दल इसे फोड़ने का प्रयास करता है. यह उत्सव एक खेल के रूप में मनाया जाता है. दही हांडी फोड़ने वाले को इनाम भी दिया जाता है.
दही हांडी का महत्व-
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि, भगवान श्री कृष्ण को दही और मक्खन बेहद प्रिय था. वह अक्सर गोपियों की मटकी से माखन चुराकर खाया करते थे. उनकी इस लीला से परेशान होकर गोपियां अपनी दही की मटकी ऊंचाई पर टांग दिया करती थीं. लेकिन कान्हा किसी न किसी तरीके से मटकी तक पहुंच ही जाते थे और उनमें से दही और मक्खन की चोरी किया करते थे. जिसकी वजह से गोपियां श्री कृष्ण को माखन चोर के नाम से बुलाने लगी थीं. भगवान श्री कृष्ण की इन्हीं लीलाओं को याद करने के लिए दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है.
– मृणाल पाठक