फूल-पुष्प नहीं तो तुलसी आदि से करें भगवान की पूजा

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देश में इन दिनों लाकडाउन चल रहा है, घरों में भगवान की पूजा आराधना का भरपूर वक्त है, किंतु पूजा में लगने वाले फूल पुष्प इन दिनों उपलब्ध नहीं हैं या घरों से बाहर इन्हें लेने जाने की स्थिति नहीं है, ऐसे में बिना ताजे फूलों के भी हम भगवान की आराधना जारी रख सकते हैं. सभी धार्मिक अनुष्ठानों में पूजा के लिए ताजे फूल, पुष्पहार, फल आदि का प्रयोग किया जाता है, लेकिन जब यह उपलब्ध न हों तो भी हम घर में मौजूद कुछ खास सदाबहार बस्तुओं के जरिए भगवान या अपने कुल देव की पूजा कर सकते हैं.

स्कंदपुराण में भगवान की अर्चना करने के लिए  कुछ ऐसी ही पूजा सामग्री का उल्लेख किया गया है. घरों में भगवान की नियमित पूजा में हम तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं, तुलसी को देवी का रूप माना गया है और तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कर पूजा अर्चना की जा सकती है. ठीक इसी तरह वायुपुराण के अनुसार मां गगा का गंगाजल कभी खराब नहीं होता और गंगाजल की एक एक बूंद अमृत के समान सबसे पवित्र मानी गई है, भगवान की पूजा में गंगाजल का इस्तेमाल किया जा सकता है. घर के आसपास कहीं बेलपत्र का पेड़ हो तो बेलपत्र भी पूजा आराधना के लिए अति शुभ माना गया है.  भगवान शिव की आराधना करने वाले भक्तों के लिए तो बेलपत्र से बढ‍़कर और कुछ हो ही नहीं सकता. इसके अलावा भगवान की पूजा कपूर, अगरबत्ती, धूप, दीप आदि से भी जारी रख सकते हैं.