नयी दिल्ली. बसंत पंचमी (Basant Panchami) यूँ तो विद्या की देवी माता सरस्वती (Saraswati) का प्रकटोत्सव माना जाता है। कहा जाता है कि इनके पूजन से विद्यार्थियों को शिक्षा का अभय दान मिलता है। हमारे देश में अनेकों अनेक विद्यार्थी इस दिन माँ सरवती का पूजन कर अपने लिए विद्या का प्रसाद मांगते हैं।यह भी कहा जाता है कि यह दिन बच्चों की शिक्षा आरंभ हेतु विशेष तौर से शुभ होता है। इस दिन से बच्चों को विद्यारंभ करना अत्यन्त शुभकारी है। कहा जाता है कि इस दिन अगर बच्चे की जीभ पर शहद से ओम की आकृति बनायेंगे तो इससे बच्चा बुद्धिमानी और मधुरभाषी होगा।
यह तो हम सभी जानते हैं कि बसंत पंचमी के दिन वीणा वादिनी एवं विद्या की देवी सरस्वती जी का पूजन किया जाता है। बताया जाता है कि इस दिन विद्यार्थियों को जरूर पढ़ना चाहिए। यही नहीं किसानों के लिए भी इस पर्व का अपना ही एक विशेष महत्व है, बसंत पंचमी पर सरसों के फूलों से किसानों के खेत लहलहा उठते हैं। इस दिन से बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है, मौसम भी अत्यंत सुहाना हो जाता है और पेड़-पौधों में नए फल-फूल पल्लवित भी होने लगते हैं। सम्पूर्ण भारत में खासकर उत्तर भारत में बसंत पंचमी का त्योहार विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन कई जगहों पर पतंगबाजी भीकी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी या वसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। अगर हम इसकी पूजन विधि को देखें तो बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
इसी प्रकार इस वर्ष भी यानि 2021 में बसंत पंचमी 16 फरवरी, याने मंगलवार की है। विदित हो कि शास्त्रों में बसंत पंचमी का ऋषि पंचमी के नाम से भी उल्लेख हुआ है। इस दिन को होली के शुरुआत का भी प्रतीक माना गया है, जो कि इसके 40 दिन बाद आती है। वहीं इस दिन को विद्या की देवी माता सरस्वती के प्रकटोत्सव के रूप में भी आनंद और उल्लास से मनाया जाता हैं। इस दिन मां सरस्वती के अलावा कई जगह पर इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। इस दिन सभी लोग जो माता सरस्वती का पूजन करते है, वो अपने कलम और किताबों को पूजते है, क्योंकि ये सभी हमें ज्ञान प्राप्त करने में और एक नेक मनुष्य बनने में सहयोग करती है।
क्या होगा बसंत पंचमी 2021 सरस्वती पूजन मुहूर्त-
इस बार पंचमी तिथि प्रारम्भ- 16 फरवरी 2021 को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर.
पंचमी तिथि समाप्त- 17 फरवरी 2021 को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगी.
क्यों हैं मां सरस्वती का पूजन विद्यार्थियों के लिए खास-
दोस्तों मां सरस्वती की पूजा विद्यार्थियों के लिए बहुत खास है,क्योंकि अगर विद्या कि यह देवी सरस्वती प्रसन्न हुईं तो विद्यार्थियों का कॅरियर संवर जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पपीते और केले के फल का दान देना चाहिए। हाँ इस दिन अपने गुरु से आशीष लेना बिलकुल भी ना भूलें। उन्हें पीले रंग का कपड़ा भी दान करें।
इस दिन विद्यार्थी अपने अध्ययन कक्ष के उत्तर पूर्व दिशा में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। धूप-दीप जलाएं और देवी को पीले रंग के पुष्प चढ़ाएं। इस दिन विद्यार्थी मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने पीले रंग के कागज पर लाल रंग की कलम से ग्यारह या इक्कीस बार मां सरस्वती का ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र अवश्य ही लिखें, उन्हें लाभ होगा। बता दें किज्ञान की देवी, माँ सरस्वती को पीला रंग काफी प्रिय है।
ऐसे कीजिये मां सरस्वती की पूजा-
- इस दिन आप पीले वस्त्र धारण करें और पीला भोजन ही ग्रहण करें।
- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर मां सरस्वती के मंत्रोच्चारण के साथ उनका पूजन करें।
- मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले तथा सफेद पुष्प अवश्य ही अर्पित करें।
- इस दिन दान देने की बहुत महत्व है, पीले रंग के चावल बनाकर गरीबों में आवश्यक रूप वितरित करें, माँ सरस्वती प्रसन्न होंगी।
* विद्या प्राप्ति के लिए सरस्वती मंत्र *
घंटाशूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनु: सायकं हस्ताब्जैर्दघतीं धनान्तविलसच्छीतांशु तुल्यप्रभाम्।
गौरीदेहसमुद्भवा त्रिनयनामांधारभूतां महापूर्वामत्र सरस्वती मनुमजे शुम्भादि दैत्यार्दिनीम्।।