शुगर कंट्रोल करने के साथ कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी यह जंगली फल कर सकता है चमत्कारिक फायदा, कई और हेल्थ प्रॉब्लम्स के निपटारे में निभा सकता है बड़ा रोल

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: क्या आपने कभी ‘जंगल जलेबी’ (Madras Thorn) का नाम सुना है? जंगल जलेबी एक प्रकार का फल है। जो जलेबी की तरह घुमावदार होता है और जंगलों में खूब पाया जाता है। इसलिए इसे जंगली जलेबी कहते हैं। वैसे इसके और भी कई नाम है, जिसमें मीठी इमली, गंगा जलेबी, मद्रास थ्रोन, गुआमुचिल शामिल है। यह फल सिर्फ स्वाद में मीठा होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। मुंह में डालते ही जंगल जलेबी घुल जाती है और मीठा, कैसला स्वाद देती है। आइए जानें जंगल जलेबी के सेवन से सेहत को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।

डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, डायबिटीज में जंगली जलेबी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। जंगल जलेबी फली के अर्क का रस एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुणों को प्रदर्शित करने के लिए जाना जाता है। जो टाइप 2 मधुमेह मेलिटस से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर के लेवल को कम करने का काम करता है। इस प्रकार, ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए मधुमेह रोगी नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं।

जंगल जलेबी में विटामिन C, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फॉरस, आयरन, थायमिन, राइबोफ्लेविन जैसे कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

विटामिन-C से भरपूर जंगल जलेबी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने में बेहद मददगार है। इम्यूनिटी मजबूत होने से आप सीज़नल बीमारियों की चपेट में नहीं आएंगे। इसमें मिलने वाला विटामिन-C एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट की तरह शरीर में घुल मिल जाता है, जिससे आप कई बीमारियों से लड़ सकते हैं।

पेट की सेहत को भी दुरुस्त रखती है जंगल जलेबी। इसके सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होता है। पेट संबंधित कई रोगों से बचाव हो सकता है। साथ ही इस फल में आयरन भी पर्याप्त होता है, इसलिए जिन लोगों को आयरन की कमी होती है, उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

जंगल जलेबी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ने से रोकती है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देती है। इससे आप दिल संबंधित बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि से बचे रह सकते हैं। इसमें पोटैशियम भी खूब होता है, इसलिए हार्ट के रोगियों के लिए यह फल फायदेमंद साबित हो सकता है।

जंगली जलेबी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, लेकिन फिर कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। इस कैटेगरी में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं मुख्य रूप से शामिल होती है। साथ ही किसी क्रोनिक मेडिकल कंडीशन से ग्रसित व्यक्ति को इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए।