
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: फरवरी के महीने में ही लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा है। पारे में आए उछाल को देख अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भीषण गर्मी पड़ने वाली है। ऐसे में चिलचिलाती धूप और लू से खुद को बचाने के लिए अपने खानपान में उचित बदलाव करना बेहद जरूरी है। थकान से भरे दिन में एक गिलास गन्ने का जूस (Sugarcane Juice) मिल जाए तो आपको स्वाद भरी ताजगी मिल जाती है। लेकिन शायद आप में से कम ही लोगों को पता होगा कि इस जूस में सेहत को फायदा पहुंचाने वाले कई रहस्य छुपे है। आइए जानें गन्ने के जूस के फायदों के बारे में-
एक्सपर्ट्स के अनुसार, गन्ने के जूस में कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा इसके स्वाद को क्षारीय (खारा) करती है, इस जूस में मौजूद ये तत्व हमें कैंसर से बचाते हैं गन्ने का जूस कई तरह के कैंसर से लड़ने में सहायक है। प्रोस्टेट और स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर से लड़ने में भी इसे कारगर माना जाता है।
गन्ने का जूस (Sugarcane Juice) लिवर के लिए काफी फायदेमंद है। इसे पीने से लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है। दरअसल, गन्ने के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है,जिससे वह इंफेक्शन से बचा रहता है। साथ ही पीलिया (जॉन्डिस) होने पर भी गन्ने का जूस पीना फायदेमंद माना गया है।
एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर गन्ने का जूस हमारी त्वचा के लिए भी काफी गुणकारी होता है। इसके सेवन से न सिर्फ फ्री रेडिकल्स का असर कम होता है, बल्कि यह हमें खतरनाक यूवी किरणों से भी बचाता है। इसके अलावा असमय आने वाली झुर्रियों को भी यह निजात दिलाता है। साथ ही गन्ने का रस पीने से स्किन चमकदार बनती है और मुंहासे भी दूर होते हैं।
एक्सपर्ट्स बताते है कि, गन्ने के जूस में पोटैशियम की अधिक मात्रा होने की वजह से यह शरीर के पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है। यह रस पाचन सही रखने के साथ-साथ पेट में संक्रमण हो होने से भी बचाता है। गन्ने का रस कब्ज की समस्या को भी दूर करता है।
गन्ने का जूस पीने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। अक्सर कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से हम आसानी से बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में गन्ने का जूस पीने हमारी इम्युनिटी बूस्ट होगी, जिससे हम कई बीमारियों से खुद को दूर रख सकते हैं। कई रिसर्च में यह सामने आया है कि गन्ने में मौजूद हेपाटो प्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ ही बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से बचाने में भी मददगार है।