बोतल से बच्चे को दूध पिलाना पड़ सकता है बड़ा महंगा, जानिए नन्हें शिशु को क्या हो सकता है नुकसान

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    -सीमा कुमारी 

    नवजात शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार माना जाता है। क्योंकि, मां के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास करने में मदद करते हैं। कई विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे के लिए 6 माह तक स्तनपान बहुत जरूरी होता है। स्तनपान से ही बच्चे को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

    ऐसा कहा जाता है कि जब बच्चा 6 महीने का हो जाए तो उसे बोतल से दूध पिलाया जा सकता है। परंतु बोतल से दूध पिलाने से बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आइए जानें आखिर बच्चों को बोतल से दूध पिलाने से क्या नुकसान हो सकता है।

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, शिशु का दूध पिलाने के दौरान खास ध्यान रखना जरुरी होता है। खासकर बहुत सी महिलाएं शिशु के मुंह में खाली बोतल छोड़ देती हैं जिसके कारण उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दूध खत्म होने के बाद यदि बोतल मुंह में रहे तो बच्चे का दम घुट सकता है। इसके अलावा शिशु के गले में भी दूध अटक कर हवा ब्लॉ कर सकते है। जिसके कारण शिशु को सांस लेने में समस्या हो सकती है।

    बोतल से दूध पिलाने से बच्चों को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है। कई शोध में ये दावा किया गया है कि जो बच्चे स्तनपान करते हैं, वो बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के मुकाबले अधिक स्वस्थ होते हैं।  

    हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, शिशु को बोतल वाला दूध देने से पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मां के दूध में प्रोटीन, विटामिन- A, विटामिन- C जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत करने में मदद करते हैं। परंतु वहीं दूसरी ओर बोतल के दूध में हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकते हैं।

    बोतल से दूध पीने वाले बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। स्तनपान करने वाले बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। मां के दूध में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होते हैं।