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मेथी से परहेज़

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    -सीमा कुमारी

    भारत के ज्यादातर किचन में करीब करीब हर प्रकार के रोग की घरेलू दवाईयां रहती ही हैं। हल्दी, जायफल, जीरा, काली मिर्च ऐसे कई औषधीय गुणों वाले मसालें हैं, जिन्हें डॉक्टर्स भी खाने की सलाह देते हैं। इनमें से एक है मेथी। मेथी वजन कम करने के लिए जितना कारगर है, उतना ही हार्ट को मजबूत रखने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। 

    मेथी के दाने में जिंक, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, सेलेनियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम और विटामिन की पर्याप्त मात्रा पाया जाता है। इसके नियमित सेवन से पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द में भी राहत मिल जाती है। मेथी दाना आपकी ओवर आल हेल्थ के लिए जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि मेथी दाना खाने के क्या लाभ हैं और इसे किस प्रकार खाया जा सकता है

    हार्ट को रखता है मजबूत

    रिसर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेथी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और रक्तचाप में सुधार करने में मदद कर सकती है, जिससे दिल से संबंधित बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। मेथी में 48 प्रतिशत डायट्री फायबर होता है। यह आंतों में एक चिपचिपा जेल बनाता है, जिससे शुगर और फैट को पचाना कठिन हो जाता है। इसके नियमित इस्तेमाल से दिल को मजबूत बनाया जा सकता है।

    कोलेस्ट्रोल पर कंट्रोल

    मेथी शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल करता है। इसके इस्तेमाल से शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रोल को कम किया जा सकता है। मेथी में नारिंगेनिन फ्लेवोनोइड होता है, जो ब्लड में लिपिड के लेवल को कम करने में सक्षम होता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फैट को कंट्रोल करके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।

    डायबिटीज पर कंट्रोल

    टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए मेथी दाना वरदान साबित हो सकता है। मेथी दाने को लेकर कई रिसर्च की जा चुकी हैं जिसके अनुसार मेथी दाने में डायट्री फाइबर पाया जाता है, जो ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। मेथी दाने को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में डायबिटीज कंट्रोल में आ जाती है। इसमें मौजूद गेलेक्टोमैनन फाइबर ब्लड में शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देता।

    शिशु की मां के लिए बढ़िया

    मेथी दाना केवल हार्ट और डायबिटीज में ही उपयोगी नहीं है, बल्कि मिल्क प्रोडक्शन में भी मदद करता है। जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है, उन्हें इसका सेवन मुख्य रूप से करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है, कि बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को मेथी का सेवन बढ़िया होता है। मेथी को फाइटोएस्ट्रोजन का प्रमुख स्त्रोत माना गया है। मेथी का नियमित सेवन करने से एक से दो हफ्ते में ही मिल्क प्रोडक्शन बढ़ जाता है।