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    -सीमा कुमारी

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, लैपटॉप और कंप्यूटर के सामने काम करके आंखों में कई तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। अक्सर हम अपनी आंखों की केयर करना भूल जाते हैं। ऐसे में शिमला मिर्च के एक नायाब गुण के बारे में शायद कई लोग नहीं जानते होंगे। मोतियाबिंद (cataract) और मैक्यूलर डीजनरेशन जैसी समस्याओं को रोकने के लिए शिमला मिर्च बेहद फायदेमंद होती है। आइए जानें शिमला मिर्च के सेवन से होने वाले फ़ायदे के बारे में –

    एक्सपर्ट दीपक आचार्य के अनुसार, शिमला मिर्च में ल्यूटीन (Lutein) और ज़िएक्सजेन्थीन (zeaxanthin), ये दो ऐसे नेचरल कंपाउंड्स हैं जो आंखों की सेहत के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों कंपाउंड्स बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट्स हैं और आंखों की सेहत के लिए तो अतिमहत्वपूर्ण हैं लेकिन दुर्भाग्य से ये हमारे शरीर में बनते नहीं हैं। इनकी पूर्ति हम बेहतरीन खानपान से ही कर सकते हैं।

    हफ्ते में 2-3 बार शिमला मिर्च भी खाएं, इस आप किसी भी तरीके से खा सकते हैं, जैसे- सब्जी बनाकर, सलाद के तौर पर या सुखाकर। हरी या लाल या फिर पीली कोई भी शिमला मिर्च आप खा सकते हैं जो भी आपको आसानी से मिले। ‘बोलगर्सके सुखोय’ बनाना हो तो लंबे आकार में शिमला मिर्च कट करें, दो दिन धूप में सुखा दें, एक दिन छांव में फैलाकर रखें और कंटेनर में डाल दें। जब खाने का मूड बने तो चाट मसाला डालकर खा सकते हैं।

    शिमला मिर्च के अलावा और भी कई फल और सब्जियां हैं जिनमें ये दोनों एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। लेकिन, शिमला मिर्च की खासियत ये है कि ये कैलोरी में भी कम हैं और हल्की फुल्की होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन्स से भरपूर हैं, और सबसे ख़ास बात ये है कि डायबेटिक्स भी इसे शौक से खा सकते हैं। चूंकि आंखों से जुड़ी इन समस्याओं (कैटरेक्ट और मैक्यूलर डीजनरेशन) की मुख्य वजहों में से एक डायबिटीज ही है, इसलिए शिमला मिर्च एक बेहतरीन ऑप्शन है।