‘विश्व रेबीज दिवस’ पर जानें इसका इतिहास और कैसे करें इसकी रोकथाम

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    नई दिल्ली : हर साल पूरी दुनिया में 28 सितंबर को ‘विश्व रेबीज दिवस’ (World Rabies Day) मनाया जाता है। रेबीज यह जानवरों के काटने से संक्रमित होने वाला वायरस है। जिसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हम सभी को पता रहना बेहद जरुरी है। आइये आज ‘विश्व रेबीज दिवस’ के अवसर पर इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानते है..

    विश्व रेबीज दिवस का इतिहास 

    आपको बता दें कि इस दिन को मनाने की शुरुआत फ्रांस से हुई थी। दरअसल फ्रांस के प्रसिद्ध सूक्ष्मजीवविज्ञानी और रासायनिक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के अवसर पर यह ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है। लुई पाश्चर वही है जिन्होंने रेबीज के टीके की खोज की थी। रेबीज के रोकथाम के लिए विश्व रेबीज दिवस के जरिये इसके बारे में लोगों में जागरूकता लाई जाती है। 

    आपको बता दें कि इस साल ‘विश्व रेबीज दिवस’ (World Rabies Day 2022) का 16 वां साल है। इस दिवस का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संघठना (डब्ल्यूएचओ) द्वारा किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य ‘वर्ष 2030 तक रेबीज से शून्य मानव मृत्यु’ का लक्ष्य प्राप्त करना है।

    जानें कैसे करें रेबीज की रोकथाम

    रेबीज के इस संक्रमण की रोकथाम करने के लिए वैश्विक स्तर पर सभी देश कार्य कर रहे है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने रेबीज के कारण मनुष्य मृत्यु से बचाव और रेबीज (कुत्ते) नियंत्रण के माध्यम से रेबीज के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम” को लागू किया है।

    कार्यक्रम के अनुसार रेबीज, कुत्ते के काटने के तुरंत बाद चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता के महत्व और विभिन्न निवारक उपायों के बारे में जन जागरूकता उत्पन्न की जानी चाहिए। लोगों को निम्नलिखित तथ्यों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए-

    – कुत्ते के काटने से बचने के लिए लोगों विशेषकर बच्चों को कुत्ते के व्यवहार और उसकी शारीरिक भाषा (जैसे कि क्रोध, संदिग्धता,  मित्रता) के बारे में शिक्षित करें।

    – रेबीज की रोकथाम के लिए कुत्ते के काटने पर पोस्ट एक्सपोजर टीकाकरण (काटने के बाद टीकाकरण) लें।