NHS ने दुनिया का सबसे बड़ा ब्लड टेस्ट किया शुरू, होगा 50 प्रकार के कैंसर का निदान

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    कैंसर से होने वाली मृत्यु दर दुनिया में सबसे ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक साल 2020 में  करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। कैंसर का पता चलने पर कई लोगों के पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाती है। इलाज का खर्च आम आदमी की पहुंच से बाहर है। नतीजन, इलाज के अभाव में कई लोगों की मौत हो जाती है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) ने स्वास्थ्य परीक्षण शुरू किया है। यदि यह परीक्षण सफल होता है, तो यह भारत सहित कई देशों में कैंसर के निदान और उपचार की लागत को काफी कम करने में मदद करेगा।

    ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति लक्षण दिखने से पहले ही कैंसर का पता लगा सकता है। यह सिर, गले, आंतों, फेफड़ों और अन्नप्रणाली के कैंसर का पता लगाने में भी मदद करेगा। एक हेल्थकेयर कंपनी ग्रेल द्वारा किया गया ‘गैलरी टेस्ट’ ल्यूकेमिया के शुरुआती लक्षणों की जांच करता है। “यदि लक्षण दिखने से पहले कैंसर का पता लगाया जाता है, तो इसका इलाज करने का एक अच्छा मौका है। लोगों के बचने का सबसे अच्छा मौका हो सकता है। एनएसएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमांडा प्रिचर्ड ने कहा, “त्वरित और सरल रक्त परीक्षण से कैंसर का पता लगाना आसान हो जाएगा।” “अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो जांच की लागत बहुत कम होगी। इलाज में भी आसानी होगी।” 

    ‘It’s an important aspect in our armoury against cancer.’

    Stuart was one of the first people in the country to take part in the world’s largest trial of a revolutionary blood test, which detects over 50 types of cancer before symptoms appear. https://t.co/sYWkmkdTev pic.twitter.com/AX2JhXiOUW

    — NHS England and NHS Improvement (@NHSEngland) September 13, 2021

     
    यूके के आठ हिस्सों से 1.40 लाख स्वयंसेवकों का परीक्षण करने की योजना है। ताकि इसके व्यापक उपयोग की संभावनाओं का बेहतर ढंग से पता लगाया जा सके। ग्रिल यूरोप में भारतीय मूल के अध्यक्ष सर हरपाल कुमार ने कहा, “गैलरी परीक्षण न केवल कैंसर के बारे में बल्कि शरीर के उस क्षेत्र के बारे में भी सटीक जानकारी प्रदान कर सकता है जहां रोग फैल रहा है।”
     
     
     इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, 2018 में 17 मिलियन लोगों को कैंसर का पता चला था और 9.5 मिलियन लोगों की मौत कैंसर से हुई थी। 2040 तक यह अनुमान है कि दुनिया भर में 27.5 मिलियन लोगों को कैंसर होगा वहीं 16.3 मिलियन लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। 
     
    इस बीच, भारत की कैंसर रजिस्ट्री का अनुमान है कि 68 पुरुषों में से एक को फेफड़े का कैंसर होगा, 29 में से एक महिला को स्तन कैंसर होगा और नौ भारतीयों में से एक को कैंसर हो सकता है।  परीक्षण के लिए प्रारंभिक अनुमान 2023 तक होने की उम्मीद है। सफल होने पर एनएसएस 2024 और 2025 में इंग्लैंड में दस लाख लोगों का परीक्षण करेगा। संगठन ने पहले ही 50 से 70 आयु वर्ग के लोगों से परीक्षण में भाग लेने की अपील की है।