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     मुंबई: विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के ओमीक्रोन, एक्सएक्सबी और बीक्यू प्वाईंट-1 के नये वेरिएंट से महाराष्ट्र में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वायरस के इन स्वरूपों के कारण मरीजों के शरीर में पैदा होने वाले लक्षण हल्के होते हैं। मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ अनीता मैथ्यू ने कहा कि नये स्वरूप के मरीजों में काफी हद तक लक्षण नज़र नहीं आये हैं।

    उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”कई लोग आकस्मिक कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं। दूसरे शब्दों में, वह अन्य स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों के लिए अस्पताल गये और कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गये।” कोविड-19 के शुरुआती दौर में संक्रमित हुए मरीजों में सूंघने की शक्ति में कमी, स्वाद न आना जैसे लक्षण प्रमुखता से देखे गये थे, लेकिन अभी के रोगियों में इस तरह के लक्षण नज़र नहीं आते हैं।

    बहुत सारे मरीज सर्दी और खांसी से प्रभावित हैं, इसलिए वह लोग घर पर इलाज करते हैं और जांच के लिए नहीं जाते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण महत्वपूर्ण है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले सप्ताह (तीन से नौ अक्टूबर) की तुलना में 10 से 16 अक्टूबर के दौरान कोविड-19 के 17 प्रतिशत अधिक मामले दर्ज किए गए। यह वृद्धि मुख्य रूप से ठाणे, रायगढ़ और मुंबई, सभी घनी आबादी वाले जिलों में देखी गई।

    विभाग ने यह भी आगाह किया था कि सर्दी और त्योहारी सीजन के दौरान कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं, जिसमें नए स्वरूपों का हवाला दिया गया था, जिनकी संक्रामक क्षमता अधिक है। डॉ वसंतपुरम रवि, वायरोलॉजिस्ट, हेड, आरएंडडी, टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स (और कर्नाटक जीनोमिक सर्विलांस कमेटी के अध्यक्ष) ने कहा कि वायरस का नया स्वरूप और प्रकार गंभीरता और लक्षणों की स्थिति के मामले में ओमीक्रोन से अलग नहीं थे।

    उन्होंने कहा, ”यह ओमीक्रोन के दो स्वरूप 3.75 और बीजे-एक का एक ‘हाइब्रिड’ प्रकार है, जिसके कारण प्रोटीन में इसका एक नया उत्परिवर्तन होता है जो इसे टीकों द्वारा उत्पन्न प्रतिरोधक क्षमता से सुरक्षित कर देता है। यही कारण है कि यह टीकाकरण वाले लोगों में भी संक्रमण पैदा कर रहा है।” उन्होंने कहा, लेकिन इसकी गंभीरता कम होने के कारण चिंता की कोई बात नहीं है, हालांकि जांच अभी भी महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)