Ganesh
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    -सीमा कुमारी

    हर साल समूचे देश में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लाष के साथ मनाया जाता है। इस साल यह पावन पर्व 10 सितंबर, यानी अगले शुक्रवार को मनाया जाएगा। शास्त्रों के मुताबिक, चतुर्थी तिथि बुद्धि और शुभता के देव भगवान श्रीगणेश को समर्पित होती है। ऐसे में हर शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अवश्य की जाती है। 

    यह पर्व खासतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के लोग श्रद्धा व  भक्ति से मनाते हैं। पूरे 10 दिनों तक चलने वाले इसे उत्सव में लोग घर पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं। अंतिम दिन यानि ,’अन्नत चतुर्दशी’ पर गणेश विसर्जन भी बड़े धूमधाम से किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं भगवान श्रीगणेश की मूर्ति रखने के साथ इसे खरीदने के भी कुछ ख़ास नियम भी होते हैं।आइए जानें इस बारे में –

    • ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, नवविवाहित जोड़ा या फिर संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपति इस साल ‘गणेश चतुर्थी’ पर उनकी बाल रूप की मूर्ति घर लाएं।  
    • ऐसा कहा जाता है कि, अगर आप घर के लिए गणपति लेने जा रहे हैं तो गणपति की बैठी हुई मूर्ति को ही लाए, क्योंकि ऐसी मूर्ति को शुभ माना जाता है। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से स्थाई लाभ होता है। इतना ही नहीं, इस दौरान आने वाली रुकावटें भी दूर हो जाती हैं।
    • गणेशजी की मूर्ति को घर के बाथरूम की दीवार पर स्थापित करने से बचें। इसके साथ मूर्ति को बेडरूम में भी रखने की गलती ना करें। वास्तु के अनुसार, इन जगहों पर मूर्ति स्थापना करना अशुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ भी सकता है।
    • वास्तु-शास्त्र के अनुसार, गणेशजी की मूर्ति खरीदने समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि सूंढ़ बाईं ओर हो। असल में, दाईं ओर सूंढ़ वाले गणपति की पूजा करने में विशेष नियमों का पालन करने की जरूरत होती है।
    • वास्तु-शास्त्र की मानें तो भगवान श्रीगणेश की नृत्य करती हुई मूर्ति घर में न लाएं और न ही किसी को उपहार में दें। ऐसा कहा जाता है कि गणेशजी की नृत्य करती हुई मूर्ति घर में लगाने से घर में कलह-कलेश होता रहता है। वहीं, अगर किसी को गिफ्ट में दे दो तो उनके घर भी कलह-कलेश होने लगता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
    • जो लोग नौकरी व कारोबार संबंधी समस्या में हैं, वे गणेशजी की ‘सिंदूरी स्वरूप’ की फोटो या मूर्ति घर और कार्यक्षेत्र पर लगाएं। मान्यता है कि इससे कारोबार व नौकरी संबंधी समस्याएं दूर होकर तरक्की के रास्ते खुलते हैं।