-सीमा कुमारी
हमारे जीवन में पिता (Father) का रोल बेहद अहम होता है, उनका होना ही हमारी जिंदगी को बेहतर दिशा दिखाने के लिए काफी माना जाता है। एक मां के साथ-साथ पिता भी अपने बच्चे के पालन-पोषण, उसकी बेहतर शिक्षा, उसकी अच्छी परवरिश आदि के लिए वो सबकुछ करते हैं, जो जरूरी है। ऐसे में ‘फादर्स डे” (Father’s Day) यानी, ‘पिता दिवस’ हर साल जून महीने के तीसरे रविवार सभी लोगों के लिए बहुत ही खास होता है। क्योंकि, इस दिन समूची दुनिया में लोग ‘फादर्स डे’ मनाते हैं। इस बार ‘फादर्स डे’ 19 जून को मनाया जाएगा।
यह ख़ास दिन पिता और उनके प्यार और त्याग के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित हैं। भारत में पिता को एक ऐसा मजबूत और छायादार पेड़ माना जाता है, जो सारी परेशानी खुद सहकर अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों की रक्षा करता है। तो आइए जानें फादर्स डे की तारीख और मनाने की वजह –
आखिर क्यों मनाया जाता है फादर्स डे?
‘फादर्स डे’ सबसे पहले 19 जून 1990 में अमेरिका में मनाया गया था। इसकी शुरुआत सोनोरा स्मार्ट डॉड की थी। आपको बता दें सोनोरा स्मार्ट डॉड की मां नहीं थी। उनके पिता ने उन्हें मां-बाप का प्यार दिया था। सोनोरा स्मार्ट डॉड अपने पिता के प्यार, त्याग और समर्पण को देखकर अक्सर सोचा करते थे कि साल में एक दिन पिता के नाम का भी होना चाहिए।
यह सोचने के बाद सोनोरा स्मार्ट डॉड ने 19 जून को पहली बार फादर्स डे मनाया। बता दें 1966 में अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा भी की थी। इसके बाद 1972 में अमेरिका में जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाने लगा। इस दिन अमेरिका में आधिकारिक छुट्टी दी जाती है।
इसके बाद से ही ‘फादर्स डे’ पूरे देश में मनाया जाने लगा। भारत में तो इस दिन को बहुत खास माना जाता है। क्योंकि, हमारे देश में पिता को एक ऐसा मजबूत छायादार पेड़ का दर्जा दिया गया है, जो हमेशा अपनों को छाया प्रदान करता है। जिस तरह मां बच्चे को जन्म देती है, ठीक उसी प्रकार पिता बच्चे को जीवन में जीना सिखाता हैं। वह हमें मेहनत और परिस्थितियों से लड़ना सिखाते हैं।