‘सकट चौथ’ के बाद आ रही है ‘शिव योग’ में ‘गणेश जयंती’, जानिए इस विशेष योग में पूजा की महिमा

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में ‘माघ’ महीने का बहुत अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ‘विघ्नहर्ता श्री गणेश जी’ का जन्म हुआ था। इस दिन ‘गणेश जयंती’ मनाई जाती है। कहा जाता है कि, इस दिन व्रत करने और गणेशजी के जन्म की कथा का श्रवण करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। कार्यों में सफलता मिलती है। आइए जानिए ‘गणेश जयंती’ कब है ? पूजा का मुहूर्त क्या है ?  

    पूजा मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 04 फरवरी दिन शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 38 मिनट से हो रहा है।  यह तिथि 05 फरवरी दिन शनिवार को प्रात: 03 बजकर 47 मिनट तक है।  ऐसे में गणेश जयंती 04 फरवरी को   है। इस दिन ही व्रत रखा जाएगा।

    गणेश जयंती के दिन गणपति बप्पा के पूजा के लिए दोपहर का मुहूर्त उत्तम है। इस समय आपको 02 घंटा 11 मिनट का समय प्राप्त होगा. 04 फरवरी को दिन में 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट मध्य तक पूजा कर सकते है। इस दौरान आप गणेश जन्मोत्सव मना सकते है। आज का दिन शुक्रवार है और गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र भी हैं, ऐसे में आज गणेश जी की पूजा करने से माता लक्ष्मी भी बहुत प्रसन्न होंगी।  

    शिव योग में गणेश जयंती

    इस बार की गणेश जयंती बहुत ही सुंदर योग में है। 04 फरवरी को ‘शिव योग’ शाम 07 बजकर 10 मिनट तक है। शिव योग में ‘गणेश जयंती’ मनाई जाएगी। ‘रवि योग’ भी सुबह 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक है।  

    गणेश जयंती का महत्व

    पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि माता पार्वती ने उबटन से गणेश जी की रचना कर उसमें प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। इस वजह से इस दिन ‘गणेश जयंती’ मनाई जाती है। मान्यता है कि, जन्मदिवस के दिन पूजा आराधना करने से देव जल्द प्रसन्न होते हैं। इस वजह से आप भी ‘गणेश जयंती’ के अवसर पर गणपति की पूजा करें और मनोकामनाओं की पूर्ति करें।