Dev Uthani Ekadashi 2022
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    -सीमा कुमारी

    सावन महीने की पहली एकादशी यानी ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) 24 जुलाई दिन रविवार को है। वैसे तो हर महीने दो एकादशी तिथि पड़ती है, लेकिन सावन महीने में पड़ने वाली एकादशी को बहुत ही शुभ एवं मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना जाता है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) व्रत रखने से ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है, तीर्थों में स्नान के बराबर पुण्य मिलता है और ‘कामिका एकादशी’व्रत कथा सुनने से पाप नष्ट होते हैं तथा मृत्यु बाद विष्णु लोक में स्थान मिलता है।  

    हालांकि इस व्रत को करने में कई बातों का ध्यान रखना होता है। यदि आप नियमपूर्वक इस व्रत को नहीं करते हैं, तो व्रत का फल प्राप्त नहीं होगा। आइए  जानें ‘कामिका एकादशी व्रत’ में किन बातों व नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

    शास्त्रों के अनुसार, ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) व्रत रखने के एक दिन पूर्व से मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि व्रत रखना है, तो एक दिन पहले से ही मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि को छोड़ देना चाहिए।

    कहा जाता है कि, इस दिन साबुन, तेल, शैंपू आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए। महिलाओं को इस दिन बाल धोने से भी बचना चाहिए। वैसे ही घर के पुरुषों को दाढ़ी, बाल, नाखून आदि नहीं काटना चाहिए।

    इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के समय दो वस्तुएं कभी न भूलें। एक पंचामृत और दूसरा तुलसी के पत्ते विष्णु पूजा में ये दोनों ही वस्तुएं आवश्यक है। तुलसी के पत्ते से श्रीहरि अत्यंत प्रसन्न होते है।

    ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) व्रत के दिन चावल, बैंगन, मसूर की दाल आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए। घर में झाड़ू लगाने से भी बचना चाहिए।

    ‘कामिका एकादशी’ व्रत के दिन विष्णु पूजा के समय व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। कहते, कथा सुनने से पाप नष्ट होते हैं तथा मृत्यु बाद विष्णु लोक में स्थान मिलता है।