इस तारीख से शुरू हो रही है ‘चैत्र नवरात्रि’, मां दुर्गा की असीम कृपा के लिए करें ये कार्य

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    -सीमा कुमारी

    ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri) 2 अप्रैल, शनिवार से शुरु हो रही है, जो 11 अप्रैल, सोमवार को समाप्त होगी। नवरात्रि के पवित्र नौ दिनों में ‘मां भगवती’ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इन दिनों भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए उनकी भक्ति में लीन हो जाते है। मान्यता है कि, नवरात्रि में देवी की आराधना करने से श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।

    धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान कुछ कामों को करने से बचना चाहिए।  कहा जाता है कि, अगर कोई नवरात्रि में इन कामों को करता है तो उसे दरिद्रता के साथ-साथ कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ सकता। तो आइए जानें चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त और उन कामों के बारे में –

    शुभ मुहूर्त

    चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त आरंभ

    2 अप्रैल 2022, शनिवार, प्रातः  06:22 बजे से

    चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त समाप्त 

    2 अप्रैल 2022, शनिवार, प्रातः 08:31 मिनट पर

    कुल अवधि  

    02 घण्टे 09 मिनट

    घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त 

    दोपहर 12:08 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा।

    क्या करें? 

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान घर में पूरे नौ दिन तक सात्विक भोजन बनना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे मास-मदिरा या प्याज लहसुन से परहेज करना चाहिए।

    नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान नाखून काटने की भी मनाही होती है। आपने देखा भी होगा कि, कई लोग नवरात्रि शुरू होने के पहले ही नाखून काट लेते हैं, ताकि 9 दिनों नाखून काटने की जरूरत न पड़े। कहा जाता है कि, ऐसा करने से देवी क्रोधित हो जाती हैं और फिर उनके क्रोध का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।

    शास्त्रों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि आपने घर में मां दुर्गा की अखंड ज्योति जलाई है तो घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए। घर का कोई भी एक सदस्य घर में अवश्य मौजूद होना चाहिए।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पवित्र समारोह या त्योहार के दौरान शराब के सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए। चैत्र नवरात्रि देवी मां की आराधना के लिए सबसे पवित्र माने जाते हैं, इसलिए नवरात्रि पूजा के 9 दिनों के दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

    नवरात्र व्रत करने वाले जातकों नवरात्रि के दौरान चमड़े की वस्तु  जैसे- बेल्ट, जूते, चप्पल या पर्स आदि धारण नहीं करने चाहिए और न ही मंदिर के आसपास ऐसे कोई वस्तु रखनी चाहिए।