Mokshada Ekadashi 2023

    Loading

    -सीमा कुमारी

    सनातन धर्म के ज्योतिष विज्ञान के अनुसार आषाढ़ मास की एकादशी को ‘देवशयनी एकादशी’ कहते हैं। साथ ही आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से ‘चातुर्मास’ प्रारंभ हो जाता है। इस वर्ष चातुर्मास का आरंभ 10 जुलाई से है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, विष्णु पुराण के अनुसार चातुर्मास में भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा में विश्राम करते हैं। 

    इस दौरान पृथ्वी लोक की जिम्मेदारी भगवान शिव पर होती है। इस अवधि में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे मुंडन संस्कार, विवाह, तिलक, यज्ञोपवीत आदि वर्जित होते हैं।सनातन धर्म के पण्डितों के अनुसार, आगामी 4 महीने की अवधि में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास आते हैं। आइए जानें चातुर्मास किस कार्य का शुभ फल मिलता है और कौन से काम इस दौरान वर्जित हैं।

    चातुर्मास में करने चाहिए ये काम

    • चातुर्मास में व्रत, साधना, जप-तप, ध्यान, पवित्र नदियों में स्नान, दान, पत्तल पर भोजन करना शुभ फलदायक माना गया है। इस मास में धार्मिक कार्य करने का दोगुना फल प्राप्त होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
    • चातुर्मास के दौरान पीपल का पेड़ लगाना चाहिए और इसकी पूजा करना चाहिए।
    • चातुर्मास के समय भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी, भगवान शिव और माता पार्वती, पितृदेव, भगवान गणेश की पूजा अर्चना सुबह- शाम अवश्य करनी चाहिए।
    • साथ ही इस समय साधु-संतों के साथ सत्संग करना मंगलदायक होता है।
    • समय-समय पर गरीबों को भोजन करवाना चाहिए। साथ ही, चातुर्मास में दान करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। यथासंभव दान करना चाहिए।

    ये कार्य वर्जित हैं

    • चातुर्मास में आने वाले श्रावण मास में पालक या पत्तेदार सब्जियों से परहेज किया जाता है। इसके बाद भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक मास में लहसुन- प्याज का त्याग किया जाता है।
    • चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित बताया गया है। साथ ही इस चार महीनों में बाल और दाढ़ी भी  कटवाने से बचना चाहिए।
    • ‘विष्णु पुराण’ के अनुसार चातुर्मास में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी का संबंध भगवान विष्णु से है। तुलसी का अपमान करने से भगवान खुद नाराज होते हैं।
    • इस दौरान में शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है।