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    -सीमा कुमारी

    इस साल ‘करवाचौथ’ का पावन पर्व 24 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। ‘करवा चौथ’ (Karwa Chauth) का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना और सुख समृद्धि के लिए रखती हैं। यह दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन सूर्योदय से पहले महिलाएं ‘सरगी’ खाती हैं और सूर्योदय के बाद से चंद्रोदय तक पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

    शाम के समय ‘करवाचौथ कथा’ पढ़ती हैं और पूजा करती हैं। यह व्रत नियमों को लेकर काफी कठिन माना जाता है। 5 साल बाद इस बार फिर ‘करवाचौथ’ पर विशेष शुभ योग बन रहा है। ‘करवाचौथ’ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा। साथ ही रविवार होने की वजह से सूर्य देवता का आशीर्वाद भी व्रती को मिलेगा। कहते हैं कि ‘करवाचौथ’ का व्रत बहुत ही सावधानी और नियम के साथ किया जाता है। ऐसे में आइए जानें व्रत के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है –

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, काले रंग को अशुभता और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान के समय काला रंग पहनने से मना किया जाता है। मंगलसूत्र में काले रंग के मोती का प्रयोग केवल बुरी नजर से बचाने के लिए किया जाता है। इसलिए मंगलसूत्र और काजल के सिवाय किसी भी तरह से काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। खासतौर पर सुहगिन स्त्रियों को ध्यान रखना चाहिए कि ‘करवाचौथ’ पर काले रंग के वस्त्र धारण न करें।

    इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। महिलाओं को इस दिन घर में किसी बड़े-बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही, पति के साथ भी प्रेम के साथ रहना चाहिए।

    कहा जाता है कि, इस दिन सफेद चीजों का दान भूलकर भी न करें। सफेद कपड़े, सफेद मिठाई, दूध, चावल, दही आदि भूलकर भी किसी को न दें।

    सास की दी गई ‘सरगी’ ‘करवाचौथ’ पर शुभ मानी जाती है। व्रत शुरू होने से पहले सास अपनी बहू को कुछ मिठाइयां, कपड़े और श्रृंगार का सामान देती है। सरगी का भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।

    शास्त्रों में कहा गया है कि ‘करवाचौथ व्रत’ के दिन महिलाओं को पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए। झगड़ा करने से आपको व्रत का फल नहीं मिलेगा।

    खुद न सोने के अलावा इस दिन महिलाओं को घर के किसी भी सोते हुए सदस्य के उठाना नहीं चाहिए। हिंदू शास्त्रों के अनुसार ‘करवाचौथ’ के दिन किसी सोते हुए व्यक्ति को नींद से उठाना अशुभ  माना जाता है।

    इस दिन नुकीली चीजों के इस्तेमाल करने से भी बचें। सुई-धागे का काम न करें। कढ़ाई, सिलाई या बटन टाकने का आज के दिन न करें तो बेहतर होगा।