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    -सीमा कुमारी

    भगवान विष्णु को समर्पित ‘पापमोचनी एकादशी’ (Papmochani Ekadashi) इस साल आज यानी 28 मार्च, दिन सोमवार को है। यह व्रत एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण और उत्तम व्रत है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य से जाने अनजाने किए गए पापों को श्री विष्णु क्षमा प्रदान करतें हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ‘पापमोचनी एकादशी’ (Papmochani Ekadashi) व्रत में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी ही होता है। नहीं तो गलतियों से व्रत प्रभावित हो सकता है। आइए जानें इस बारे में.

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, एकादशी व्रत वाले दिन बाल, नाखून काटने और दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए। यह परिवार के सभी सदस्यों पर लागू होता है।

    जिस प्रकार से गुरुवार व्रत में साबुन, सैंपू या सर्फ का उपयोग करने की मनाही होती है, वैसा ही एकादशी व्रत में भी करते है। ऐसा परिवार के सभी सदस्यों को करना चाहिए।

    कहते हैं कि, एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को बैंगन, चावल, मूली, सेम, जौ, मसूर की दाल, पान आदि नहीं खाना चाहिए।

    पापमोचिनी एकादशी व्रत की पूजा के समय में व्रत कथा का श्रवण या पाठ अवश्य करें। गलती से भी इसे भूलें नहीं।

    इस दिन व्रत के दौरान दूसरों के बारे में गलत विचार मन में न आने दें। व्रत के लिए मन, कर्म और वचन में शुद्धता होनी चाहिए।

    ‘पापमोचिनी एकादशी व्रत’ रखने से एक दिन पूर्व से तामसिक वस्तुओं जैसे मांस, लहसुन, प्याज, मदिरा आदि का सेवन न करें।