सीमा कुमारी
नई दिल्ली: सनातन धर्म में ‘मकर संक्रांति’ (Makar Sankranti) का बड़ा महत्व है। इस वर्ष ‘मकर संक्रांति’15 जनवरी, दिन रविवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, यह त्योहार हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जातकों के पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन सूर्य देव मकर राशि में आते हैं, जिसका प्रभाव न केवल सभी राशियों पर बल्कि पूरे वातावरण में पर भी पड़ता है। ऐसे में मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन कुछ कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ये कार्य बेहद अशुभ माने जाते हैं। आइए जानें उन कार्यों के बारे में-
ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन यदि आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है, तो उसे घर से खाली हाथ न जाने दें। अपने सामर्थ्य के अनुसार उसे कुछ न कुछ दान देकर ही विदा करें, क्योंकि इस दिन दान का बहुत ही महत्व होता है। इस दिन दान में देने के लिए तिल का कोई भी सामान हो तो और भी अच्छा माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए। इस दिन स्नान के पहले कुछ भी न खाएं और न ही पिएं। मकर संक्रांति के दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान और दान करके ही कुछ खाना चाहिए, लेकिन अगर आपके आस-पास कोई नदी नहीं है तो आप घर पर ही नहाकर दान कर खाए पीएं। इसके अलावा, इस दिन अपनी वाणी को भी पवित्र रखें। पूरा दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही गुस्सा करें। सभी के साथ मधुरता से पेश आएं।
ज्योतिष के अनुसार, ‘मकर संक्रांति’ के दिन किसी भी तरह के नशे जैसे सिगरेट, शराब, गुटका आदि से खुद को दूर रखें। साथ ही इस दिन मसालेदार भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन तिल और मूंग दाल की खिचड़ी खाना शुभ माना जाता है।