बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा के दौरान भूलकर भी न करें यह गलतियां

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    हिन्दू धर्म में माँ सरस्वती की आराधना विशेष तौर से की जाती है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाया जाता है। इस दिन माँ सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल यह त्यौहार 16 फरवरी को देशभर में धूम-धाम से मनाया जाएगा। इस त्यौहार की धार्मिक मान्यता है कि, इसी दिन माँ सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए यह त्यौहार माँ सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है, जैसे शादी, गृह प्रवेश आदि।

    इस दिन माँ सरस्वती की पूजा पूरी विधि के साथ करना शुभ माना जाता है। उनकी पूजा करने से सद्बुद्धि प्राप्त होती है। इस दिन विद्यार्थी खासतौर पर माँ सरस्वती की पूजा करते हैं। हालांकि उनकी पूजा करते समय हमें बहुत सी बातों का ख्याल रखना अनिवार्य है। तो चलिए जानते हैं क्या है वह महत्वपूर्ण बातें जिन्हें भुलकर भी अनदेखा न करें… 

    बिना स्नान न करें भोजन

    बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए कोई भी शुभ काम न करें। बहुत से लोग सुबह उठकर नाश्ता करते हैं, लेकिन इस दिन ऐसा भूलकर भी न करें। इस दिन बिना स्नान किए भोजन न करें। वहीं अगर संभव हो तो इस दिन नदी या सरोवर में जाकर स्नान करें और मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ही कुछ खाएं। 

    न पहनें काले कपड़े

    बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले कपड़े न पहनें। बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा सफेद या पीले रंग के कपड़े पहन कर करें, क्योंकि माँ सरस्वती को यह रंग बेहद प्रिय है। वहीं इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। 

    अपशब्द बोलने से बचें

    माँ सरस्वती बेहद ही शांत और निर्मल स्वभाव वाली देवी हैं। उन्हीं की पूजा करने से वाणी में प्रेम, कला और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसलिए भूलकर भी इस दिन गुस्से में ऐसा कुछ भी न कहें कि सामने वाले को ठेस पहुँचे। साथ ही किसी भी उपशब्द का प्रयोग न करें। इस दिन मधुर वाणी ही बोलें। 

    ब्रह्मचर्य का पालन करें

    बसंत पंचमी के शुभ दिन पर ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। माँ सरस्वती के इस खास दिन पर किसी भी तरह का गलत ख्याल अपने मन मे बिल्कुल भी न लाएं। उस दिन उनकी भक्ति में लीन हो जाएं।