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    सनातन हिंदू धर्म में ‘नवरात्रि’ के नौ दिनों का विशेष महत्व है। नवरात्रि का यह पावन त्यौहार यानी, ‘चैत्र नवरात्रि’ 13 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो रही है और 21 अप्रैल को इसका समापन होगा। इस त्यौहार को लेकर लोगों में एक अलग उत्साह देखा जाता है। ये नौ दिन मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नौ दिनों तक भक्तों को मां की कृपा पाने के लिए श्रद्धा के साथ आराधना करनी चाहिए।

    नवरात्रि के दिनों में नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है। इसलिए इन नौ दिनों में कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। आईए जानें इस बारे में…

    • नवरात्रि के दिनों में चाहे आप व्रत करें या न करें, परंतु भूलकर भी इन दिनों में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन तो भूलकर भी न करें। सब्जियों में लहसुन और प्याज को तामसिक माना गया है, इसलिए नवरात्रि में प्याज, लहसुन का प्रयोग वर्जित माना जाता है।
    • व्रत रखने वाले लोगों को चप्पल, जूते और बेल्ट का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
    • अगर आपको नाखून और बाल आदि की कटिंग करवानी है तो पहले ही करवा लें ‘नवरात्रि’ में भूलकर भी बाल या दाढ़ी-मूंछे नहीं कटवानी चाहिए, और न ही नाखून काटने चाहिए। मान्यता है कि इन कार्यों को करने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
    • ‘विष्णु पुराण’ के अनुसार, व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए।
    • अगर आपने पूरे व्रत रखे हैं, तो पलंग या कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए। रात्रि में माता की चौकी के सामने भूमि पर बिस्तर लगाकर सोएं। अगर आपने अपने घर में ‘अखंड-ज्योति’ जलाई है तो घर को कभी अकेला न छोड़ें। अगर कहीं जाना आवश्यक है तो घर के किसी सदस्य को मां की चौकी के पास बिठाकर जाएं।
    • नवरात्रि के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है। इसलिए पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करते हुआ मां के व्रत और आराधना करें।
    • अपने मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार न लाएं। पूरा समय मां के ध्यान और भजन कीर्तन में व्यतीत करें।

    -सीमा कुमारी