Basant Panchami 2024, Lifestyle News
बसंत पंचमी 2024 (फाइल फोटो)

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: इस वर्ष ‘बसंत पंचमी'(Basant Panchami) 26 जनवरी, गुरुवार के दिन है। सनातन धर्म में ‘बसंत पंचमी’ पर्व को बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि,’बसंत पंचमी के दिन किसी नए व्यवसाय, गृह प्रवेश और शुभ कार्य आरंभ करने से सब मंगलमय होता है। इस विशेष दिन पर ज्ञान विद्या एवं कला की देवी माता सरस्वती की उपासना की जाती।

    मान्यता है कि, इस विशेष दिन पर माता सरस्वती की उपासना करने से ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। इस शुभ तिथि पर भक्तों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। साथ ही कुछ नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिनका पालन करने से व्रत एवं पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइए जानें उन नियमों के बारे में –

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन पवित्र स्नान और तर्पण आदि का विशेष महत्व है। इसलिए इस विशेष दिन पर हो सके तो पितृ तर्पण अवश्य करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उन्हें भगवान के चरणों में स्थान मिलता है।

    इस दिन इस बात का ध्यान रखें कि ‘मां सरस्वती’ की पूजा के लिए पीला वस्त्र ही धारण करें। ऐसा इसलिए क्योंकि पीला रंग माता को बहुत प्रिय है। साथ ही मां सरस्वती की पूजा के साथ कलम, किताब व किसी वाद्य यंत्र की पूजा अवश्य करें और उनका निरादर भूलकर भी ना करें।

    कहते है ‘बसंत पंचमी’ के दिन व्यक्ति को भूलकर भी अपशब्द का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन वाद-विवाद से भी दूर रहना चाहिए। इस विशेष दिन पर व्यक्ति को तामसिक भोजन व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करें और मन में गलत विचार उत्पन्न ना होने दें। बसंत पंचमी के पावन दिन पर मां सरस्वती के ध्यान मंत्र का जाप अवश्य करें।

    यह मंत्र है-

    या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।

    या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।

    या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

    सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

    इस दिन काले रंग का वस्त्र भूलकर भी न पहनें। क्योंकि, काले रंग शोक का प्रतीक होता है।